Edited By Raunak Pareek, Updated: 16 May, 2025 12:27 PM

राज्यपाल ने बताया कि अब एक हजार से अधिक शिक्षाविदों के सहयोग से तैयार की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीयता से ओतप्रोत है और यह नैतिक मूल्यों, भारतीय संस्कृति और उच्च जीवन मूल्यों को बढ़ावा देती है।
राजस्थान विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि नैतिक मूल्य भारतीय संस्कृति की रीढ़ हैं, और इन्हीं मूल्यों से हमें जोड़ने का काम अब नई शिक्षा नीति कर रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज शासनकाल में लॉर्ड मैकाले द्वारा लागू की गई अंग्रेजी शिक्षा पद्धति ने भारतीयों में गुलाम मानसिकता विकसित की थी। स्वतंत्रता के बाद शिक्षा नीति को तिरंगे की तरह ही बदलने की आवश्यकता थी, जैसा कि विनोबा भावे ने भी कहा था, लेकिन तब यह बदलाव नहीं हो सका।
राज्यपाल ने बताया कि अब एक हजार से अधिक शिक्षाविदों के सहयोग से तैयार की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीयता से ओतप्रोत है और यह नैतिक मूल्यों, भारतीय संस्कृति और उच्च जीवन मूल्यों को बढ़ावा देती है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को इसी दृष्टिकोण से शिक्षित करें। समारोह में राज्यपाल ने स्वर्ण पदक विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया और खुशी जताई कि इनमें 75 प्रतिशत से अधिक बालिकाएं थीं। उन्होंने इसे महिलाओं की उन्नति की दिशा में बड़ा कदम बताया।
राज्यपाल बागडे ने महर्षि अरविंद, पंडित नेहरू, भास्कराचार्य, लीलावती, स्वामी विवेकानंद और झांसी की रानी जैसे महापुरुषों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी जीवन कहानियां छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपनी शिक्षा को राष्ट्र के निर्माण में लगाएं। विधानसभा अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि राजस्थान में अब 'कुलपति' की जगह 'कुलगुरु' शब्द का प्रयोग होगा, जो शिक्षा की गरिमा को दर्शाता है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों ने विश्व को शिक्षा, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में नई दिशा दी। देवनानी ने ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए बताया कि भारतीय विज्ञान का उपयोग अब सेना भी कर रही है।
उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में उच्च शिक्षा की भूमिका अहम है और इसके लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करना होगा। वहां राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना करते हुए इसे नए, समर्थ और सशक्त भारत की पहचान बताया। समारोह में कुलगुरु डॉ. अल्पना कटेजा ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जबकि राज्यपाल ने विद्यार्थियों को पदक और उपाधियाँ प्रदान कीं।