Edited By Sourabh Dubey, Updated: 01 Aug, 2025 04:30 PM

सीमांत क्षेत्रों की ढाणियों को उजाले से रोशन करने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए केंद्र सरकार ने ₹459.97 करोड़ की विद्युतीकरण योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा क्षेत्र की 1.25 लाख से अधिक वंचित ढाणियों को बिजली...
बाड़मेर। सीमांत क्षेत्रों की ढाणियों को उजाले से रोशन करने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए केंद्र सरकार ने ₹459.97 करोड़ की विद्युतीकरण योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा क्षेत्र की 1.25 लाख से अधिक वंचित ढाणियों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा जाएगा।
यह घोषणा सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल द्वारा लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों का नतीजा मानी जा रही है। बेनीवाल ने लोकसभा में प्रश्न पूछकर और शून्यकाल में चर्चा के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था।
क्षेत्रवार स्वीकृत बजट और लक्ष्य
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बाड़मेर: 71,464 ढाणियों में कनेक्शन, बजट ₹186.37 करोड़
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बालोतरा: 18,999 घरों का विद्युतीकरण, बजट ₹132.57 करोड़
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जैसलमेर: 34,455 ढाणियों में बिजली, बजट ₹141.03 करोड़
कुल मिलाकर 1,25,318 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए ₹459.97 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
बेनीवाल की लोकसभा में मांग और सरकार की कार्रवाई
16 दिसंबर 2024 को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सांसद बेनीवाल ने अपने संसदीय क्षेत्र में लंबित घरेलू विद्युतीकरण और कृषि कनेक्शन आपूर्ति को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने जोर देकर कहा था कि सीमावर्ती ग्रामीणों और किसानों को आज भी मूलभूत बिजली सुविधा पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं है।
इस पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लेते हुए योजना को मंजूरी दी है। अब इन घरों को धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत विद्युतीकरण से जोड़ा जाएगा।
24 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग
सांसद बेनीवाल ने कहा: “विद्युत अधिनियम 2020 की धारा-10 में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का प्रावधान है, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को मात्र 8-10 घंटे और किसानों को केवल 3-4 घंटे ही बिजली मिल रही है। यह सीमावर्ती नागरिकों और अन्नदाताओं के साथ असमानता है।”
उन्होंने सरकार से इस पूरे प्रोजेक्ट की शीघ्र समीक्षा और निष्पादन की मांग की, ताकि उजियारा सिर्फ कनेक्शन तक सीमित न रहकर वास्तव में अधिकार और आशा का प्रकाश बन सके।