Edited By Chandra Prakash, Updated: 14 Oct, 2024 08:06 PM
पूर्व विधायक वाजिब अली के नेतृत्व में सीकरी उपखण्ड कार्यालय पर एसडीएम श्रष्टि जैन को क्षेत्र के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देते हुए नरसिंहानंद की गिरफ्तारी को लेकर मांग उठाई । वहीं पूर्व विधायक वाजिब अली ने बताया की जिला गाज़ियाबाद (उत्तर...
डीग/भरतपुर, 14 अक्टूबर 2024 । पूर्व विधायक वाजिब अली के नेतृत्व में सीकरी उपखण्ड कार्यालय पर एसडीएम श्रष्टि जैन को क्षेत्र के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देते हुए नरसिंहानंद की गिरफ्तारी को लेकर मांग उठाई । वहीं पूर्व विधायक वाजिब अली ने बताया की जिला गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश) के कस्बा डासना में स्थित देवी मंदिर के यनी नरसिंहानंद आये दिन हज़रत पैगम्बर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करता रहता है। अभी पूर्व में 29 सितंबर को एक धार्मिक आयोजन के तहत वहां इकट्ठी भीड़ को यह कहकर की अबकी बार जलाना ही है तो रावण की जगह दशहरे पर मोहम्मद को जलाने के नाम पर उकसाया, जिसका विडियो 03 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ।
यह अत्यंत अपमानजनक और दिल दुखाने वाली टिप्पणियां करते हुए मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। अपमान जनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निंदनीय और शर्मनाक बातें कही गई हैं। वीडियो में कही गई बातें असहनीय और अत्यंत निंदनीय हैं, जिसने विश्वभर के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। जमीयत उलमा-ए- राजस्थान यती नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए आरोपी पर रासुका लगाने की मांग करती है।
ज्ञात हो की यती नरसिंहानंद नफरत फैलाने वाला व्यक्ति है, जो बार-बार इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलता रहा है। लेकिन इस बार उसने सभी हदें पार कर दी हैं, जिन्हें किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह बयान न केवल मुसलमानों की भावनाओं का अपमान है, बल्कि यह एक सोची-समझी योजना के तहत सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश है, जो देश की शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। इसलिए यती नरसिंहानंद के खिलाफ तुरंत रासुका के साथ और संगीन धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए, साथ ही आपत्तिजनक वीडियो को बिना देरी के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से हटाया जाए और इन प्लेटफार्मों को इस प्रकार की सामग्री के प्रसार पर कानूनी रूप से जवाबदेह ठहराया जाए तथा नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली स्थापित की जाए, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति या समूह धार्मिक व्यक्तित्वों या समुदायों को निशाना बनाकर देश की शांति को नष्ट न कर सके।