कलक्ट्रेट के सामने महापंचायत, भारी तादाद में उमड़े किसान, धान, मूंग, बाजरा की एमएसपी पर खरीद जल्द शुरू करने की मांग दोहराई

Edited By Chandra Prakash, Updated: 26 Sep, 2024 09:12 PM

mahapanchayat in front of collectorate

धान, मूंग, बाजरा की एमएसपी पर खरीद जल्द शुरू करने की मांग को लेकर जिला कलक्ट्रेट के समक्ष आठ दिनों से चल रहे बेमियादी धरनास्थल पर गुरुवार को पूर्व घोषणानुसार महापंचायत हुई। महापंचायत में बड़ी तादाद में किसान शामिल हुए। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर...

नुमानगढ़, 26 सितंबर 2024: धान, मूंग, बाजरा की एमएसपी पर खरीद जल्द शुरू करने की मांग को लेकर जिला कलक्ट्रेट के समक्ष आठ दिनों से चल रहे बेमियादी धरनास्थल पर गुरुवार को पूर्व घोषणानुसार महापंचायत हुई। महापंचायत में बड़ी तादाद में किसान शामिल हुए। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हुई महापंचायत में जिला कलक्टर वक्ताओं के निशाने पर रहे। वक्ताओं ने कहा कि धानमंडियों में धान-मूंग की आवक शुरू हो गई है, लेकिन एमएसपी पर खरीद नहीं की जा रही। किसानों से औने-पौने दामों में उसकी फसल खरीद की जा रही है। जिला कलक्टर कह रहे हैं कि 2100 रुपए में किसान से धान की खरीद की जा रही है। लेकिन मंडी में हालात कुछ और हैं। नमी की मात्रा जांचे बगैर ही किसान से मात्र 1700 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीद की जा रही है। यह दुर्भाग्य की बात है कि किसानों को गुमराह करने के लिए जिला कलक्टर झूठ बोल रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि मंडियों में कृषि जिन्स की एमएसपी पर खरीद के लिए कोई तैयारी नहीं की जा रही। फसल मंडियों में आ चुकी है लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। एमएसपी पर खरीद के लिए कोई पत्राचार नहीं किया जा रहा। न ही सरकारी खरीद की तारीख को लेकर स्थिति स्पष्ट है। पड़ोसी राज्यों में एमएसपी पर खरीद शुरू हो जाती है। यहां के अधिकारियों से बात करते हैं तो कहा जाता है सरकार को लेटर भेज दिया है। जवाब आने के बाद आगामी प्रक्रिया की जाएगी। यह चलता रहता है। हर बार एमएसपी पर खरीद शुरू करवाने के लिए किसानों को जिला कलक्ट्रेट के सामने धरना-प्रदर्शन करना पड़ता है। 

उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर को काफी समय पहले ही यह अवगत करवाया गया कि नरमा में गुलाबी सुंडी का प्रकोप होने की वजह से इस साल किसानों ने धान, मूंग, बाजरा की बिजाई अधिकतम क्षेत्र में की। इसलिए समय पर इन फसलों की एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था की जाए। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसान से उसकी फसल की खरीद करे। लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। इसके परिणामस्वरूप किसानों को सडक़ों पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कह रही है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद की जा रही है दूसरी तरफ किसान को जिला कलक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठना पड़ रहा है। सरकार के लिए यह शर्म की बात है। यहां के जिला कलक्टर की ओर से किसान आंदोलन को फेल करने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर की ओर से यह झूठा बोला गया कि मूंग की आवक अभी धान मंडियों में शुरू नहीं हुई है और मूंग में नमी की मात्रा ज्यादा है। इसलिए मूंग की एमएसपी पर खरीद नहीं की जा सकती। लेकिन असल में मूंग की खरीद के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हकीकत में कुछ मंडियां मूंग से अटी पड़ी है। उन्होंने ऐलान किया कि अगर यही सिलसिला जारी रहा तो आंदोलन को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। इस मौके पर सुभाष गोदारा, सोहनलाल खालिया, बहादुर सिंह चौहान, डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी, गुरमीत चन्दड़ा, मंगत मान, जाकिर हुसैन, अरविन्द पूनिया, संदीपसिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह, गुलाबसिंह, रविन्द्र सिद्धू, रजनदीप, जगमीत सिंह, बलविन्द्र सिंह, मनदीप मान, लखवीर सिंह, अमरसिंह, हरमन्द्र सिंह, काकासिंह, रघुवीर ज्याणी, मनीष बुरड़क, महावीर छिम्पा, जगजीत सिंह, इशाक खान आदि मौजूद थे।
 

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