Edited By Chandra Prakash, Updated: 01 Aug, 2025 06:42 PM

राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने मालेगांव धमाके और उससे जुड़े निर्णय पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि "यह फैसला उन सभी लोगों को जवाब है जिन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' कहकर हिंदू धर्म को बदनाम किया।"
जोधपुर, 01 अगस्त 2025 । राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने मालेगांव धमाके और उससे जुड़े निर्णय पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि "यह फैसला उन सभी लोगों को जवाब है जिन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' कहकर हिंदू धर्म को बदनाम किया।"
मंत्री पटेल ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा समेत जिन लोगों पर आरोप लगाए गए थे, उनका इस घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं था और पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया। उन्होंने आगे कहा: "निर्दोष होते हुए 12 वर्षों तक आरोपों का सामना करना और 2 से 3 साल जेल में रहना आसान नहीं होता। जब फैसला आया तो साध्वी प्रज्ञा की आंखों में आंसू आ गए थे।"
मंत्री ने कहा कि हिंदू धर्म शांति, संस्कार और सहिष्णुता का प्रतीक है। उसे आतंकवाद से जोड़ना न केवल निंदनीय था, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा के खिलाफ भी था।
डोटासरा के बयान पर पलटवार
जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा यह पूछा गया कि अगर आरोपी अल्पसंख्यक होता तो क्या भाजपा की प्रतिक्रिया ऐसी ही होती, तो इस पर मंत्री पटेल ने दो टूक कहा: "भारतीय जनता पार्टी कभी भी धर्म या वर्ग के आधार पर भेदभाव नहीं करती। यह कांग्रेस की तुष्टिकरण की मानसिकता है जो ऐसे सवाल उठाती है।"
उन्होंने आगे कहा: "कांग्रेस वार्ड पंच से लेकर पार्लियामेंट तक सत्ता में रही, लेकिन आज विलुप्ति की कगार पर खड़ी है। अगर वह राजनीतिक अस्तित्व बचाना चाहती है तो उसे तुष्टिकरण की नीति छोड़ समान दृष्टिकोण अपनाना होगा।"
कानून मंत्री के इस बयान ने मालेगांव केस से जुड़ी राजनीति को फिर से गरमा दिया है। क्या यह फैसले से जुड़े राजनीतिक विवादों का अंत है या नई बहस की शुरुआत?