Edited By Raunak Pareek, Updated: 13 Jul, 2025 08:50 PM

कोटा में नगर निगम की कार्यप्रणाली के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने चंबल नदी में उतरकर जल सत्याग्रह किया। दो घंटे चले इस प्रदर्शन में भाजपा सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
कोटा नगर निगम के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। रविवार को पार्षदों ने चंबल नदी के भीतरियाकुंड घाट पर पहुंचकर जल सत्याग्रह किया। पार्षद नदी में करीब दो घंटे तक खड़े रहे और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उपमहापौर पवन मीणा ने बताया कि यह सत्याग्रह नगर निगम प्रशासन और भाजपा सरकार के तानाशाही रवैये के विरोध में किया गया। उनका कहना है कि अधिकारियों को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, लेकिन वे लगातार सवालों से बचते रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कोई भी अधिकारी संवाद के लिए मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे पार्षदों में और आक्रोश देखा गया।
पवन मीणा ने साफ शब्दों में कहा कि – “जनता के टैक्स से तनख्वाह लेने वाले अफसर अगर जवाब नहीं देंगे, तो हम उन्हें चंबल में उतरकर जगाएंगे। भाजपा सरकार और नगर निगम का तानाशाही रवैया अब और नहीं चलेगा।”
कांग्रेस पार्षदों ने यह भी चेतावनी दी कि यह सिर्फ शुरुआत है, और यदि प्रशासन ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।