Edited By Raunak Pareek, Updated: 18 Dec, 2025 08:34 PM

अजमेर शरीफ में बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज़ के 814वें उर्स का श्रद्धा और अकीदत के साथ आगाज़ हुआ। भीलवाड़ा के गौरी परिवार ने परंपरागत रूप से रस्म अदा की।
अजमेर शरीफ में सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के 814वें सालाना उर्स का शुभारंभ श्रद्धा और अकीदत के माहौल में हुआ। बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा चढ़ाने की परंपरागत रस्म अदा होते ही उर्स की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है।
इस अवसर पर भीलवाड़ा के गौरी परिवार ने परंपरा के अनुसार झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई। रस्म अदायगी के लिए गौरी परिवार दरगाह कमेटी के गेस्ट हाउस से गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में दरगाह शरीफ पहुंचा। जुलूस के दौरान “ख्वाजा के दीवाने” की सदाओं से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।
जैसे ही बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा फहराया गया, जायरीन की बड़ी संख्या वहां मौजूद रही और इस पावन क्षण की गवाह बनी। श्रद्धालुओं में इस मौके को लेकर खास उत्साह देखा गया। उर्स के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। उल्लेखनीय है कि चांद दिखने के अनुसार ख्वाजा गरीब नवाज़ का विधिवत उर्स 21 या 22 दिसंबर से प्रारंभ होगा। उर्स के दौरान देश-विदेश से लाखों अकीदतमंद अजमेर शरीफ पहुंचकर दरगाह में जियारत करेंगे।