Edited By Chandra Prakash, Updated: 28 Mar, 2025 05:21 PM

राजस्थान के बारां शहर में पहले फैज में 2017 में स्वीकृत हुई सीवरेज योजना एक लंबे समय से रेंगती हुई चल रहीं हैं। जबकि 2019 में पूर्ण हो जानी चाहिए थी। लिहाजा रेंगती सीवरेज लाइन अब शहरवासियों को आफत गले पड़ रही है।
बारां, 28 मार्च 2025 (दिलीप शाह)। राजस्थान के बारां शहर में पहले फैज में 2017 में स्वीकृत हुई सीवरेज योजना एक लंबे समय से रेंगती हुई चल रहीं हैं। जबकि 2019 में पूर्ण हो जानी चाहिए थी। लिहाजा रेंगती सीवरेज लाइन अब शहरवासियों को आफत गले पड़ रही है।
सूत्रो के अनुसार बारां शहर में बिछाई जा रही सिवरेज लाइन निर्माण का काम शहरवासियों के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। पहले फैज में 80 करोड़ की लागत से यह योजना 2017 में तत्कालीन भाजपा सरकार में स्वीकृत हुई थी तथा 2019 में पूरी होनी थी। समय सीमा से पांच साल से अधिक समय गुजर जानें के बाद भी यह पूर्ण नहीं हो सकी। बताया गया है कि इस योजना के तहत दूसरे फैज 2023 में सरकार ने फिर लगभग 48 करोड़ स्वीकृत करके दूसरी कंपनी को 4 अप्रैल 2025 में समय सीमा निर्धारित की है, लेकिन अभी इसका भी काम बाकी है। सूत्रों के अनुसार दो फैज में चल रहे इस काम में दो कंपनियों के ठेकेदारों ने शहर में सड़के तो खोद दी, मगर मरहम नहीं लगाए जानें से लोगो को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की धूल मिट्टी और पत्थरों से टकराना भी पड़ रहा है।
वहीं शहरवासियों का कहना है, कि कंपनी और उनके ठेकेदारों ने आनन-फानन में शहर के अधिकांश इलाकों में सड़के खोद दी, लेकिन उन्हें पुनः बनाए जानें में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। ना ही संबंधित अधिकारियों ने ध्यान रखा।
हाल ही बारां शहर की पंचवटी, डॉक्टर कालोनी के पिछले एक सप्ताह से जो सिवरेज का काम चल रहा है उससे हाल बुरे है। वजह है, निर्माण कंपनी के ठेकेदार बेतरतीब तथा अव्यवस्थित रूप से काम करते हुए कालोनी को सिवरेज लाइन से जोड़ रहें हैं। लोगो का कहना है कि चलो सिवरेज से जोड़ रहें हैं तो अच्छी बात है, लेकिन काम तरीके से हो तो आमजन को मुसीबतों का सामना क्यों करना पड़े। पहले रोड़ खोदा, फिर भर दिया गया। अब फिर खुदाई शुरू कर दी गई। मिट्टी, पत्थर ज्यों के त्यों पड़े हैं। उन्हें समेटा तक नहीं गया। हालात यह है की यहां रहने वालों की गाड़ियां, बाईक तक नहीं निकल पा रही। राह चलना भी दुश्वार है। काम यह हो रहा है कि एक खड्डा तो भरा नहीं, चार खड्डे और खोद दिए। लोगो को ऊबड़ खाबड़ रास्ते से निकलना मौत का परवाना साथ लेकर चलने के समान हो गया। यदि इस कालोनी में कोई गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाएं तो मरीज को अस्पताल पहुंचाने या एंबुलेंस बुलाने के लिए रास्ता नहीं है। कॉलोनी के जागरूक लोगो ने नगर परिषद अधिकारियो, क्षेत्रीय विधायक तक को इन हालातो से अवगत करवाया तब मालूम चला की लोगो को निर्माण से परेशानियां हो रही है।