अपेक्स यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस, 350 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने लिया हिस्सा

Edited By Ishika Jain, Updated: 28 Jan, 2025 12:37 PM

international astrology conference organized at apex university

अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर और पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर- जोधपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पाल बालाजी ज्योतिष ज्ञान महोत्सव अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सोमवार को पूर्व सांसद एवं राज्यमंत्री ओंकार सिंह लखावत ने किया। इस...

जयपुर। अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर और पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर- जोधपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पाल बालाजी ज्योतिष ज्ञान महोत्सव अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सोमवार को पूर्व सांसद एवं राज्यमंत्री ओंकार सिंह लखावत ने किया। इस अवसर पर संजय शिक्षा समिति के सचिव मनोज जूनीवाल, अपेक्स यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ रवि जूनीवाल, कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांशु, आयोजन सचिव भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास सहित देश विदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य उपस्थित थे। लखावत ने कहा कि  हमारी भारतीय परंपरा और ज्योतिष ज्ञान अत्यंत समृद्ध है, इसका उपयोग करके जीवन की सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त करना संभव है। विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए ज्योतिष को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए और ज्योतिष संबंधी कोर्सेज विश्वविद्यालयों में चलाए जाने चाहिए।

इससे पूर्व  ज्योतिष के अनेक विद्वानों ने ज्योतिष के विभिन्न विषयों पर बोलते हुए कहा कि आज के समय में विवाह विच्छेद एक बड़ी समस्या है, इससे बचने के लिए विवाहों में होने वाले  धन प्रदर्शन से बचकर नीति नियम और  ज्योतिष के द्वारा  दिए गए मुहूर्त का पालन किया जाना चाहिए। हम अत्यधिक धन प्रदर्शन में अपने मूल संस्कार भूलते जा रहे हैं।  ज्योतिष के प्रकांड विद्वान डॉक्टर खेमराज शर्मा जी ने कहा कि विद्यार्थियों को सूर्योदय पूर्व उठकर नियम से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। यह अत्यंत उपयोगी नियम है, जिससे वे अपनी ग्रह दशा सुधार कर बेहतर भविष्य प्राप्त कर सकते हैं। विद्वान ज्योतिषी डॉ प्रेम शंकर शर्मा ने कहा कि ज्योतिष के साथ-साथ सामाजिक परिवेश भी बदली हुई परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार हैं।डॉ मनोज गुप्ता ने कहा कि ज्योतिष पारसमणी है, जो हर समस्या का समाधान दे सकती है। जाने-माने ज्योतिषी और सेना से रिटायर्ड कैप्टन डॉक्टर लेखराज शर्मा ने कहा कि ज्योतिष के अनेक अंगों को साथ में रखकर देखा जाना चाहिए। वहीं डॉक्टर के ए दुबे पद्मेश जी तथा डॉ विनय विनायक पुलाह जी ने कहा कि ज्योतिष का गहन अध्ययन विद्यार्थियों को निश्चित रूप से सही विषय के चुनाव में सहायता कर सकता है।

कॉन्फ्रेंस की संयोजक रंजीता व्यास एवं सह- संयोजक नीतिका शर्मा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में दिल्ली मुंबई कोलकाता इंदौर कानपुर लखनऊ हिमाचल प्रदेश गुजरात के अलावा अन्य शहरों के ज्योतिष विद्वानों ने वैदिक ज्योतिष, हस्तरेखा, टैरो कार्ड रीडर, लाल किताब, केपी, अंकगणित और वास्तु सहित शिक्षा एवं कैरियर में ग्रहों की भूमिका और दांपत्य जीवन में तनाव, विघटन और निवारण विषय पर अपने विचार प्रकट किए। कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वाले विद्वान ज्योतिषाचार्यों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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