साल 2025 में 76 दिन बजेगी शहनाई

Edited By Chandra Prakash, Updated: 09 Dec, 2024 09:00 AM

in the year 2025 the wedding bells will ring for 76 days

जल्द ही नया साल 2025 शुरू होने वाला है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल का पहला महीना जनवरी होता है। नए साल के शुरू होने पर लोग आने वाले महीनों में शुभ मुहूर्त में विवाह और अन्य तरह के मांगलिक कार्य करते हैं। हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में...

जयपुर, 8 दिसंबर 2024 ।  जल्द ही नया साल 2025 शुरू होने वाला है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल का पहला महीना जनवरी होता है। नए साल के शुरू होने पर लोग आने वाले महीनों में शुभ मुहूर्त में विवाह और अन्य तरह के मांगलिक कार्य करते हैं। हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि मुहूर्त 15 जनवरी 2025 से शुरू होंगे। आगामी 6 जुलाई 2025 देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ होगा। इस कारण जुलाई से अक्टूबर तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। मुहूर्त 1 नवंबर को देव उठनी एकादशी पर रहेगा, परंतु इसके परंतु इसके बाद विवाह मुहूर्त सीधे 21 नवंबर से से शुरू होंगे। साल 2025 में गुरु 12 जून से 9 जुलाई तक 27 दिन के लिए अस्त होने वाले हैं। इसके अलावा शुक्र ग्रह 19 मार्च से 23 मार्च तक 4 दिन तक अस्त रहेंगे। इसके बाद दोबारा से 12 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 24 दिन तक शुक्र अस्त रहेंगे। इस दौरान शुभ काम नहीं होंगे।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि विवाह मुहूर्त मकर संक्राति के अगले दिन 15 जनवरी 2025 से शुरू होंगे। खास बात यह है कि आने वाले नए साल में विवाह मुहूर्त का टोटा नहीं रहेगा। यद्यपि साल में केवल 8 माह ही विवाह होंगे।  परंतु इस अवधि में 76 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे।, जबकि इस वर्ष 2024 में कुल 62 दिन के विवाह मुहूर्त रहे। नए साल में फरवरी माह और मई माह भी मुहूर्त से भरा रहेगा। अक्षय तृतीया पर 30 अप्रैल को तो विवाह होंगे। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में गुरु को शुभ फलदायी ग्रह माना गया है। जन्म कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। गुरु की कमजोर स्थिति से जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गुरु धनु व मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं। यह कर्क राशि में उच्च व शनिदेव की राशि मकर में नीच के माने जाते हैं। प्रत्येक गुरुवार शिवजी को बेसन के लड्डू चढ़ाने चाहिए। गुरुवार को व्रत करें। इस दिन पीली वस्तुओं का दान अपने सार्म्थ्यनुसार करें। गुरुवार के दिन विष्णु भगवान को घी का दीपक लगाएं। शास्त्रों के मुताबिक विवाह में गुरु ग्रह को उदय होना आवश्यक माना जाता है। हमारे षोडश संस्कारों में विवाह का बहुत महत्त्व है। विवाह का दिन व लग्न निश्चित करते समय वर एवं वधु की जन्म पत्रिका अनुसार सूर्य, चंद्र व गुरु की गोचर स्थिति का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है। जिसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता है।

शुक्र  - गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होते

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास   ने बताया कि विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर विचार किया जाता है। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है। इसलिए, इस दौरान कोई विवाह समारोह नहीं किया जाना चाहिए।

जुलाई से अक्टूबर में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। इस अवधि में विवाह और अन्य शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। वर्ष 2025 में 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है, जिसके बाद भगवान विष्णु चार महीने तक विश्राम करेंगे। यह अवधि नवंबर में 1 तारीख को देवउठनी एकादशी पर समाप्त होगी। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है, जो धार्मिक दृष्टि से विशेष होता है इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य करना ज्योतिषीय नियमों के अनुसार वर्जित होता है। ऐसे में यदि आप ज्योतिष और शुभ मुहूर्त का पालन करते हैं, तो इन महीनों में विवाह या उससे संबंधित कार्य करने से बचें। यह समय पूजा-पाठ और आत्मचिंतन के लिए उपयुक्त माना जाता है। देवउठनी एकादशी के बाद से विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त पुनः आरंभ हो जाएंगे। इसलिए अपने विवाह की योजना बनाते समय इन बातों का अवश्य ध्यान रखें और शुभ समय का चयन करें ताकि आपका दांपत्य जीवन सुखी और समृद्ध हो।

विवाह का धार्मिक महत्व

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सनातन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो कई प्रकार की परंपराओं और मान्यताओं से समृद्ध है। इस परंपरा में से एक शुभ विवाह भी है, यह जीवन का सबसे खुशनुमा पल होता है। विवाह कई तरह से किए जाते हैं, प्रत्येक के अपने-अपने रीति-रिवाज और महत्व होते हैं। हिंदू धर्म में यह 16 संस्कारो मे से एक होता है और इसके बगैर कोई भी व्यक्ति ग्रहस्थाश्रम में प्रवेश नहीं कर सकता है। इसलिए हमारे शास्त्रों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी माना जाता है।

आईए  भविष्यवक्ता और कुंडली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते है वर्ष 2025 के शुभ मुहूर्त
 शुभ विवाह मुहूर्त 2025
जनवरी: 16, 17, 18, 19, 21, 22, 24, 26, 30
फरवरी: 3, 4, 6, 7, 13, 14, 15, 18, 19, 20, 21, 25
मार्च: 3, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14
अप्रैल: 14, 15, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई: 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28
जून: 1, 2, 4, 5, 6, 7, 8 
नवंबर: 21, 22, 23, 24, 25, 26, 30
दिसंबर: 1, 4, 5, 6
( कुछ पंचांग में भेद होने के कारण तिथि घट बढ़ सकती है और परिवर्तन हो सकता है। )
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!