बार-बार पड़ते हैं अगर बीमार तो हो सकता है वास्तु दोष

Edited By Chandra Prakash, Updated: 14 Aug, 2025 07:55 PM

if you fall ill frequently then it could be due to vastu dosh

मौसम के बदलने के साथ ही बीमारियों का होना सामान्य बात है। मगर, क्या एक के बाद एक घर का कोई न कोई सदस्य किसी न किसी बीमारी से परेशान रहता है। काफी कोशिशें करने के बाद भी बीमारी घर से जाने का नाम नहीं ले रही है। श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन...

अजमेर, 14 अगस्त 2025 । मौसम के बदलने के साथ ही बीमारियों का होना सामान्य बात है। मगर, क्या एक के बाद एक घर का कोई न कोई सदस्य किसी न किसी बीमारी से परेशान रहता है। काफी कोशिशें करने के बाद भी बीमारी घर से जाने का नाम नहीं ले रही है। श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि भारतीय वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि हमारे घर की संरचना, दिशा और ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष हो, तो व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। एक स्वस्थ्य शरीर ही व्यक्ति का सबसे बड़ा धन होता है। कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति पूरी सावधानी रखने के बाद भी बार-बार बीमार पड़ने लगता है। इसका कारण खराब जीवनशैली और रोगप्रतिरोधक क्षमता का कम होना होता है लेकिन इसके अलावा वास्तु के सही न होने के कारण भी आपको रोग घेरने लगते हैं। यदि ऐसा है, तो संभवतः आपके घर में वास्तु दोष हो सकता है। ऐसे में आप वास्तु के कुछ उपाय करके इसे ठीक भी कर सकते हैं। इन उपायों को करने से आपके घर की निगेटिव एनर्जी भी दूर होगी, जिसका असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और परिवार की संपन्नता पर भी पड़ेगा। 

वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष हो, तो व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। घर में वास्तु का काफी गहरा महत्व होता है। वास्तु शास्त्र में भी कहा गया है कि हमारे घर की संरचना, दिशा और ऊर्जा उसमें रहने वाले लोगों के हेल्थ पर गहरा प्रभाव डालती है। आपके घर में निगेटिव एनर्जी या वास्तु दोष है तो वहां कोई न कोई बीमार हो सकता है। यदि घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष हो तो आपको न केवल आर्थिक, पारिवारिक बल्कि स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में घर का वास्तु ठीक होना भी बहुत आवश्यक होता है। वास्तु में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से आप रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। 

जानें रोगों का कारण और उपाय
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर की उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा बंद हो या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा खुली हो तो इससे लगने वाले वास्तु दोष के कारण आपको धन संबंधित समस्याओं के साथ खराब स्वास्थ्य का सामना भी करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर की दक्षिण दिशा में दोष हो तो आपको अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए। जिससे आपको उनका आशीर्वाद मिलता रहे। रसोई में खाना बनाते समय सही दिशा में मुख रखना आवश्यक होता है यदि खाना बनाते समय आपका मुख दक्षिण दिशा में रखते हैं तो इससे भी कमर दर्द, जोड़ो में दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए खाना बनाते समय अपना मुख हमेशा पूर्व दिशा में रखें। घर की ईशान दिशा यानि उत्तर पूर्व स्थान बहुत ही पवित्र माना जाता है। यदि कोई इस दिशा में शौचालय या फिर सीढ़ियां बनवाता है तो इस स्थिति में वास्तु दोष उत्पन्न होता है। जिसके कारण आपको मानसिक तनाव या मस्तिष्क से जुड़े रोगों का सामना करना पड़ सकता है। घर के ईशान कोण में हमेशा हल्का सामान और देवस्थान बनाना शुभ रहता है।


घर में आवश्यकता से अधिक दवाइंया भी बनती हैं रोग का कारण

वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि हर घर में कुछ प्राथमिक उपचार की दवाइंया तो होती ही हैं लेकिन कुछ लोग अपने घर में गैर-जरूरी दवाइयों को रखे रहने देते हैं। घर में अनावश्यक रूप से और इधर-उधर रखी हुई दवाइंया भी रोगों का कारण बनती हैं। घर में यदि फालतू की दवाइंया रखी हुई हैं तो उन्हें तुरंत घर के बाहर निकाल दें।  यदि रोगों के कारण कोई व्यक्ति बहुत कमजोर हो गया है तो उसके पास लाल रंग का कपड़ा रखें। लाल रंग ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

सोने की दिशा 
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोने से रक्त प्रवाह में बाधा आती है और बार-बार सिरदर्द, थकावट या अनिद्रा की समस्या हो सकती है। सोने की दिशा ठीक करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

बेड के नीचे न रखें कबाड़ या भारी सामान
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने वाले बिस्तर के नीचे खाली स्थान होना चाहिए। यदि आप वहां पुराने कपड़े, जूते, दस्तावेज़ या कबाड़ रखते हैं, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यह मानसिक तनाव, थकान और नींद की कमी का कारण भी बनता है। इसलिए बिस्तर के नीचे सफाई रखें और अनावश्यक वस्तुएं हटाएं।

शौचालय 
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि अगर शौचालय उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में है तो यह सबसे बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। इससे मानसिक तनाव, बीमारियाँ और रोगों की आवृत्ति बढ़ती है। इस स्थिति में रोज सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें और वास्तु दोष निवारक उपाय अपनाएं।

बेडरूम में आईना न लगाएं
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि सोते समय अगर आईना व्यक्ति के शरीर को प्रतिबिंबित करता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यदि बेडरूम में आईना है तो सोने से पहले उसे कपड़े से ढँक देना चाहिए।

रसोईघर और बाथरूम आमने-सामने न हों
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि यदि रसोई और बाथरूम आमने-सामने हों तो यह अग्नि और जल तत्वों का टकराव दर्शाता है। इससे घर के सदस्यों में बीमारियाँ और तनाव बढ़ सकता है। इस स्थिति में रसोई के द्वार पर लकड़ी की पट्टी या लाल पर्दा लगाना शुभ होता है।

सूर्य का प्रकाश 
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के भीतर प्रातःकाल सूर्य का प्रकाश अवश्य आना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी भी मिलता है, जो हड्डियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

उत्तर-पूर्व दिशा को साफ-सुथरा रखें
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि ईशान कोण को भगवान का स्थान माना गया है। यहां गंदगी या भारी सामान रखने से मानसिक अशांति, थकावट और बीमारियाँ बढ़ती हैं। इस दिशा को साफ, हल्का और मंदिरयुक्त रखना चाहिए।

पानी के स्रोत को सही स्थान पर रखें
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि घर में पानी का टैंक या बोरिंग उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। गलत दिशा में पानी के स्रोत मानसिक तनाव और रोग का कारण बन सकते हैं। यदि ऐसा हो, तो वास्तु दोष निवारक यंत्र या सलाहकार की मदद लें।

खाना खाने की दिशा 
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि कभी-कभी आप खान-पान की गलत आदतों की वजह से भी बीमार हो सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, खाना खाते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके ही बैठें। इससे पाचन तंत्र सही रहता है और खान शरीर में लगता है। इससे बीमारियों का खतरा कम होता है। गलत दिशा में भोजन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही यह तनाव और चिंता को भी बढ़ाता है। भोजन करने वाले जगह को साफ और स्वच्छ रखें, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। साथ ही खाने के समय को निश्चित करें। गलत समय पर खाना खाने से भी बीमारियों के होने का जोखिम रहता है।

घर के बाहर भी रखें सफाई 
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे के सामने गड्ढा हो तो उसे तुरंत भर दें। कीचड़ या गंदगी को जमा न होने दें। इससे न सिर्फ बीमारी फैलाने वाले मच्छर और मक्खियां पनपते हैं, बल्कि यह मानसिक तनाव और निगेटिविटी को भी पैदा करता है। इन छोटे-छोटे उपायों से आप घर के सदस्यों को बार-बार बीमार होने से बचा सकेंगे।

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