Edited By Rahul yadav, Updated: 05 Jun, 2025 03:35 PM

राजस्थान में एक बार फिर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की महापंचायत के ऐलान के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है. समिति अध्यक्ष विजय बैंसला ने सख्त चेतावनी दे चुके हैं कि मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में आगामी 8...
राजस्थान में फिर गरमाया गुर्जर आरक्षण आंदोलन, 8 जून को महापंचायत का ऐलान
राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 8 जून को भरतपुर के पीलूपुरा में महापंचायत आयोजित करने की घोषणा के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को समय रहते नहीं माना, तो यह महापंचायत भविष्य की रणनीति का बड़ा मंच बनेगी। इस आयोजन को लेकर गांव-गांव जाकर पीले चावल बांटकर लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।
"बंद कमरे में नहीं होगी बातचीत" – विजय बैंसला
विजय बैंसला ने प्रशासन के साथ हो रही वार्ता को नकारते हुए कहा कि,
“जो अधिकारी वार्ता के लिए आ रहे हैं, उन्हें मैं नहीं जानता। अब बातचीत केवल समाज के बीच होगी, न कि बंद कमरों में।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समिति ने सरकार को पहले ही अपना रूट और एजेंडा बता दिया है। अब जो भी अधिकारी बातचीत करना चाहते हैं, वे वहीं आकर बात करें।
सरकार को 8 जून तक का समय
समिति की ओर से सरकार को 8 जून तक का अल्टीमेटम दिया गया है।
इस बीच सरकार चाहे तो वार्ता के लिए मसौदा तैयार कर सकती है और समिति के बताए हुए रास्ते पर आगे बढ़ सकती है।
प्रशासन ने की अपील – महापंचायत न करें
भरतपुर कलेक्टर अमित यादव ने बताया कि समिति को बातचीत के लिए बुलाया गया था और उन्हें समझाने की कोशिश की गई है कि वे महापंचायत जैसे बड़े आयोजन से बचें।
वहीं आईजी राहुल प्रकाश ने भी भरोसा जताया कि,
“गुर्जर समाज कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएगा जिससे शांति व्यवस्था प्रभावित हो। सरकार बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार है।”
निष्कर्ष
गुर्जर आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से राजस्थान की राजनीति और प्रशासन के लिए चुनौती बनता दिख रहा है। अब सबकी निगाहें 8 जून की महापंचायत पर टिकी हैं, जो आंदोलन की दिशा तय कर सकती है। सरकार और प्रशासन की कोशिशें जारी हैं कि मामला बातचीत से सुलझ जाए और टकराव की नौबत न आए।