Edited By Chandra Prakash, Updated: 05 Aug, 2024 08:08 PM
खेड़ली कस्बे के उपजिला अस्पताल के पीछे बने सरकार क्वार्टर जर्रर हालत में है, ये क्वार्टर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं । ऐसे में सरकार आए दिन करोड़ों रुपए की घोषणाओं का ढिंढोरा पीट रही है, अपनी घोषणा का गुणगान कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ...
अलवर में बड़ी दुर्घटना होने के बाद ही जागेगा स्वास्थ्य विभाग !
डॉक्टरों के लिए बने सरकारी क्वार्टर कभी भी हो सकते हैं धराशायी
खेड़ली उपजिला अस्पताल के पीछे बने सरकारी क्वार्टर का मामला
क्षतिग्रस्त होने से सरकारी आवास को छोड़ने पर चिकित्सक मजबूर
अलवर, 5 अगस्त 2024 । खेड़ली कस्बे के उपजिला अस्पताल के पीछे बने सरकार क्वार्टर जर्रर हालत में है, ये क्वार्टर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं । ऐसे में सरकार आए दिन करोड़ों रुपए की घोषणाओं का ढिंढोरा पीट रही है, अपनी घोषणा का गुणगान कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अस्पताल के सरकारी क्वार्टर्स की हालत बदहाली के आंसू बहाते हुए नजर आ रहे हैं । यहां तक कि इन क्वार्टरों की छतों से लेंटर के सरिये भी निकलना शुरू हो गए है। क्वार्टरों की छत का प्लास्टर भी नीचे गिरने लग गया है। वही पास ही में गेट होने के कारण आने जाने वाले लोग व मरीजों में भी भय बना हुआ है।
काफी दिनों से जर्जर पड़े इन सरकारी क्वार्टर्स की अभी तक ना तो किसी प्रशासनिक अधिकारी ने सुध ली और ना ही सरकार ने । जिससे इनमें रह रहे चिकित्सक डर-डर कर रहने को मजबूर थे। लेकिन इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण क्वार्टर और भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। छतों से पानी टपकने लग गया है, तो वहीं छत का प्लास्टर नीचे गिरने लग गया है । जिससे लेंटर के सरिये निकलने गए। इन सरकारी क्वार्टर की स्थिति यह बनी हुई है। कि कभी भी यह गिर सकते हैं और बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन सरकार के नुमाइंदे व जनप्रतिनिधि आंखें मूंद कर तमाशा देख रहे हैं।
जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और आए दिन करोड़ों रुपयों की घोषणाओं का ढिंढोरा पीट रही है। लेकिन खेरली उप जिला अस्पताल परिसर में बने डॉक्टरों के सरकारी क्वार्टर बदहाली के आंसू बहा रहे हैं। सरकारी अस्पताल के क्वार्टर पूरी तरह जर्जर होने के चलते चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी डर के मारे यहां से एक-एक कर जाने लगे हैं । सबसे बड़ी बात यह है कि कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी इस ओर ना तो ध्यान दिया जा रहा है और कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है। जिसके कारण अब डॉक्टरों ने सरकारी क्वार्टरों को छोड़ना शुरू कर दिया है। इन सरकारी क्वार्टर में दो चिकित्सकों अंकित जेटली व हीरेंद्र शर्मा का आवास बना हुआ था । जहां अस्पताल के बाद काफी संख्या में मरीज दिखाने पहुंचते थे और भीड़ लग जाती थी । वही क्वार्टरों को क्षतिग्रस्त होने से कभी भी बड़ा हादसा होने का भय बना हुआ रहता था। जिसके कारण डॉक्टरों ने सरकारी क्वार्टर को छोड़कर प्राइवेट कमरा लेकर रहने को मजबूर हो गए हैं।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. अंकित जेटली ने बताया कि बीच में हम अपनी तरफ से सरकारी कार्टर को रिपेयर भी करा चुके हैं। साथ ही कई बार रिपेयर कराने के बाद फिर से क्वार्टर की कभी दीवार, तो कभी छत का प्लास्टर गिरने से आए दिन हादसे होने का खतरा बना रहता था। बड़ी बात यह है कि इन सरकारी क्वार्टरों की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि बारिश के समय छत तक टपकने लगी है। जिसके कारण मजबूर होकर चिकित्सकों ने क्वार्टर छोड़कर अब प्राइवेट कमरा लेकर रहने को मजबूर हैं।
उधर चिकित्सा प्रभारी डॉ. अंकित जेटली ने बताया कि 8 अगस्त को अलवर में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाने की बात कही है। वही सरकारी क्वार्टरों की स्थिति को देखकर लगता है कि सरकार व सरकार के नुमाइंदे और जनप्रतिनिधि कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है।