Edited By Afjal Khan, Updated: 26 Apr, 2023 08:37 PM

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- बीजेपी ने आते ही रिफाइनरी सहित हमारी योजनाओं को बंद कर दिया। नींबू और दूध में यही फर्क है। वसुंधरा राजे के समय की योजनाओं को हमने बंद नहीं किया। हमने तो उनकी ERCP सहित सारी योजनाओं को चालू रखा है।
राजस्थान में चुनावी बिगुल बज गया है। इसका शंखनाद आज सीएम गहलोत ने बीकानेर ज़िले नोखा के जसरासर गांव में आयोजित किसान सम्मेलन से किया है। आयोजित किसान सम्मेलन में सीएम गहलोत ने किसानों को अपनी योजनाओ के फायदे गिनाए बल्कि उनके 2023 चुनाव में कांग्रेस पक्ष में मतदान करने की अपील की। इस किसान सम्मेलन में राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया , पूर्व प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी , ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, खेल मंत्री अशोक चांदना, विधायक कृष्णा पुनिया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर सीएम गहलोत ने जसरासर गांव में एक सरकारी कॉलेज, कृषि गौड़ मंडी व तहसील का दर्जा देने की घोषणा की। सम्मेलन में अशोक गहलोत ने सम्बोधित करते हुए कहा की मैंने सभी विधायक और मंत्रियों से कहा है कि तुम मांगते-मांगते थक जाओगे और मैं देते-देते नहीं थकूंगा। मुझे पता नहीं था कि ये विधायक जिले मांग लेंगे। तब भी मुझे इनके वादे पूरे करने पड़े। 19 जिले राजस्थान की जनता को दे दिए क्योंकि मैंने कहा था देते हुए थकूंगा नहीं। सीएम अशोक गहलोत ने आरएसएस व भाजपा को भी जमकर आड़े हाथ लिया। कहा की RSS और बीजेपी की मंशा बहुत खतरनाक है। देश समय पर नहीं समझा तो आने वाली पीढ़ियां भुगतेगी। यहां रूस, चीन की तरह नकली चुनाव होंगे। एक पार्टी होगी वो ही आपस में चुनाव लड़कर नाटक करेगी। वही राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने भी सीएम गहलोत के कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा की बहुत से चीफ मिनिस्टर कंजूस होते हैं लेकिन गहलोत कहते हैं जितने ले जाने हैं, मुझसे ले जाओ। ऐसा सीएम कहीं नहीं देखा। इस सम्मेलन में सबसे अचरच की बात रही की किसान सम्मेलन में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बुलाया ही नहीं गया है। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए डूडी की तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ खूब जमी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी दोनों ने साथ में प्रचार किया था। डूडी की मुख्यमंत्री गहलोत से नाराजगी भी जगजाहिर रही है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के दौरान तो दोनों खुलकर आमने-सामने आए थे लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं।