Edited By Chandra Prakash, Updated: 16 Mar, 2025 01:53 PM

विधानसभा का बजट सत्र इस बार खूब चर्चाओं में रहा। खासकर सदन में सदस्यों के आचरण पर अलग से बहस हो सकती है। पहले विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया और स्पीकर के बीच हुई तनातनी के कारण कई दिन सदन ठप रहा। बाद में नेता प्रतिपक्ष द्वारा सॉरी बोलने के बाद...
हनुमानगढ़, 16 मार्च 2025।(बालकृष्ण थरेजा) : विधानसभा का बजट सत्र इस बार खूब चर्चाओं में रहा। खासकर सदन में सदस्यों के आचरण पर अलग से बहस हो सकती है। पहले विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया और स्पीकर के बीच हुई तनातनी के कारण कई दिन सदन ठप रहा। बाद में नेता प्रतिपक्ष द्वारा सॉरी बोलने के बाद मामला निपट गया लेकिन इस वाकए को विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया दिल पर ले गए लगते हैं। मामला सुलट जाने के बाद भी विपक्षी पार्टी के संगठन मुखिया सदन में नहीं आ रहे हैं। जानकारों ने पता किया तो उन्होंने कहा कि वह स्पीकर की टिप्पणी से आहत हैं । दरअसल स्पीकर ने संगठन मुखिया के व्यवहार को लेकर यहां तक कह दिया था कि वह विधायक बनने के लायक नहीं हैं । विपक्ष के संगठन मुखिया का कहना है कि स्पीकर को यह कहने का अधिकार नहीं है। इससे उनकी छवि को आघात लगा है। कई दिन तक संगठन मुखिया के नहीं आने से अब नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर के सामने समस्या रखी बताई है। चर्चा है कि स्पीकर कोई बीच का रास्ता निकाल रहे हैं और जल्द ही स्पीकर की उस टिप्पणी को कार्रवाई से हटा लिए जाने की उम्मीद है। हो सकता है कि इसके बाद संगठन मुखिया सदन में आ जाएं । उधर सत्ता वाली पार्टी के एक विधायक द्वारा विपक्ष वाली पार्टी के मुख्य सचेतक को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी भी अमर्यादित कही जा सकती है। उन्होंने विपक्ष वाली पार्टी के मुख्य सचेतक जो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं उनको लेकर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। हालांकि सत्ता पक्ष ने इस मामले को तुरंत हैंडल किया और इस शब्द को कार्रवाई से हटवा दिया था। कुल मिलाकर अब स्पीकर पिछले घटनाक्रमों के मद्देनजर कोई रास्ता निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं।
चिंता भी, चटखारे भी !
जिले में विपक्ष वाली पार्टी की एक युवा प्रधान इन दिनों विवादों में घिरती नजर आ रही है। होली के अगले दिन ही युवा प्रधान सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से चर्चा में आ गई ।इस वीडियो में कथित रूप से प्रधान अफीम जैसे नशीले पदार्थ को चाटकर उसे पर पंजाबी गाने के साथ प्रमोशन करती हुई नजर आ रही है। चर्चा है कि पहले यह वीडियो प्रधान ने खुद शेयर किया था लेकिन बाद में डिलीट कर दिया। अब प्रधान ने इसे सोशल मीडिया पर किसी की शरारत बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। यह प्रधान विधायक समर्थक मानी जाती हैं ।विधायक ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को फर्जी करार दिया है और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। प्रधान के समर्थक इस वीडियो को फर्जी बता रहे हैं वहीं कुछ जागरूक लोग इसे प्रधान का खुद का वीडियो बता रहे हैं। सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग प्रधान का विरोध कर रहे हैं कि युवा जनप्रतिनिधि ऐसा करेंगे तो जिले में नशे की समस्या का समाधान होने की बजाय युवा इसकी चपेट में आएंगे। युवा प्रधान के चर्चा में आने की वजह तलाशी जा रही है। प्रधान का कहना है कि पंचायत समिति में ही उनके अधीनस्थ एक कार्मिक ने यह वीडियो वायरल किया होगा जबकि कुछ इसे प्रधान के आसपास रहने वाले लोगों का काम बता रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर खूब चटखारे ले रहे हैं। असल में यह चिंता का विषय भी है। एक युवा महिला प्रधान के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा वीडियो वायरल होने से तरह-तरह की बातें हो रही हैं ।अब प्रधान ने जोश में होश खोया या यह किसी की शरारत है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। वैसे ऐसे मामलों में कई जगह पुलिसिया कार्रवाई हो चुकी है। अब सत्ता वाली पार्टी के दबाव और जागरूक लोगों की मांग पर पुलिस क्या करती है यह भी देखने वाली बात होगी?
आरपीएससी चेयरमैन नियुक्ति की फाइल खिसकने की उम्मीद !
प्रदेश की सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों की भर्ती वाली सबसे बड़ी संस्था में अब चेयरमैन की नियुक्ति जल्द हो सकती है। इस बोर्ड में करीब सवा साल से चेयरमैन का पद खाली है। नकल और पेपर लीक जैसे प्रकरणों से इस संस्था की साख को बट्टा लग रहा है। पहले वाले चैयरमेन का कार्यकाल पूरा हो गया और इसके एक सदस्य थानेदारों की भर्ती में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। अब सरकार चाहती है कि कोई ऐसा चेयरमैन नियुक्त किया जाए जिस पर विवाद न हो। कई बार इस पर राजनीतिक लोगों की नियुक्ति होती रही है लेकिन इस बार सरकार किसी ब्यूरोक्रेट को यह जिम्मा दे सकती है। सरकार के मुखिया चाहते हैं कि किसी सेवारत ब्यूरोक्रेट को आरपीएससी का चेयरमैन बना दिया जाए। चेयरमैन नियुक्ति की फाइल अभी मुखिया के पास ही पेंडिंग है। वैसे आरपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति की हरी झंडी दिल्ली से भी मिलेगी। दिल्ली की पसंद के आधार पर काफी कुछ निर्भर करेगा। सूत्रों का कहना है कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले कुछ दिनों में सरकार के मुखिया नियुक्ति का यह काम निपटा सकते हैं। दो-तीन सीनियर आईएएस के नामों की स्क्रूटनी इस पद के लिए की जा चुकी है।