भटनेर के झरोखे से : टिकट देकर बाबा को साधने की कवायद !

Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Oct, 2024 03:23 PM

from bhatner s window efforts to appease baba by giving him ticket

सूबे में विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव अगले महीने होने हैं। इसको लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सत्ता वाली पार्टी ने एक को छोड़ बाकी सभी जगह कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि मंत्री पद से इस्तीफा देकर...

नुमानगढ़, 20 अक्टूबर 2024 (बालकृष्ण थरेजा) । सूबे में विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव अगले महीने होने हैं। इसको लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सत्ता वाली पार्टी ने एक को छोड़ बाकी सभी जगह कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि मंत्री पद से इस्तीफा देकर घूम रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को पार्टी ने साध लिया है। उनके इस्तीफे को लेकर कोई क्लीयरेंस नहीं मिल रहा है। हालांकि यह नेता जब भी कोई लैटर लिखते हैं तो मंत्री की हैसियत से लिखते हैं और बयान देते हैं तो कहते हैं कि मैं मंत्री नहीं हूं। अब एक सीट से उनके भाई को विधानसभा उपचुनाव में पार्टी ने टिकट दे दिया है। सियासत में बाबा के नाम से प्रसिद्ध इस नेता ने इस कार्यकाल में सत्ता वाली पार्टी को खूब असहज किया है। उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए हैं जिससे सरकार की किरकिरी हुई है और जब खुद पर बोलने की बारी आती है तो मुंह पर अंगुली रख लेते हैं। अब पार्टी ने एक सीट से उनके भाई को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया है। जाहिर है अब बाबा आने वाले चार साल तक मुंह पर अंगुली रखेंगे और मंत्री पद भी संभाल लेंगे। बाबा को साधने की यह कवायद कितनी कारगर सिद्ध होगी यह विधानसभा उपचुनाव का नतीजा बताएगा । लोकसभा चुनाव में भी बाबा ने अपने समर्थकों को जिताने के लिए खूब जोर लगाया था और सीट नहीं जीतने पर मंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। लोकसभा चुनाव के नतीजे पक्ष में नहीं रहने के बाद ही बाबा ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि पार्टी ने उनका इत्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है और अब जब उनका भाई उम्मीदवार बन गया है तो इस्तीफे वाली बात आई गई मान  लेनी चाहिए।

युवा विधायक के तेवर से संगठन मुखिया असहज !
प्रदेश में विपक्ष वाली पार्टी में यूथ विंग के प्रधान और विधायक के तेवरों से इन दिनों संगठन मुखिया थोड़े असहज हैं। युवा विधायक पार्टी में सीएम इन वेटिंग रहे युवा नेता के कट्टर समर्थक हैं । आए दिन युवा नेता के समर्थन में बयान देते हैं और सरकार के पूर्व मुखिया को घेरते हैं। पूर्व मुखिया से उनकी अदावत पुरानी है। सार्वजनिक मंचों पर पूर्व मुखिया की आलोचना उन्होंने सत्ता में रहते भी की और अब विपक्ष में रहते भी कर रहे हैं। इसी बीच पड़ौसी राज्य हरियाणा के चुनाव में पार्टी की हार को लेकर चर्चा चली तो युवा विधायक ने पूर्व मुखिया के जादू पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि जादूगर का जादू कहीं नहीं चलता। बात-बात में वह संगठन मुखिया के स्टाइल पर भी तंज कस गए। दरअसल संगठन मुखिया इन दिनों क्राउड पुलर नेता के रूप में फेमस हो रहे हैं। हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान उनका गमछा घूमाकर डांस करने का स्टाइल खूब चर्चित रहा। हालांकि जिस सीट पर उन्होंने प्रचार किया था वह सीट पार्टी बड़े अंतर से हार गई। युवा विधायक ने कहा कि गमछे लहराने से जीत नहीं मिलती। उनका यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से संगठन मुखिया पर तंज के रूप में माना जा रहा है। हालांकि बाद में विधायक ने बयान जारी कर सफाई दी और इसे सत्ता वाली पार्टी के लिए दिया गया बयान बताया। विवादों में आई एसआई  भर्ती को रद्द नहीं करने की मांग की पहल भी युवा विधायक ने अभी पार्टी का स्टैंड क्लियर होने से पहले ही कर दी है। पार्टी भर्ती को लेकर अभी कोई स्टैंड क्लियर नहीं कर पाई है। पिछले दिनों यूथ विंग में कई पदाधिकारियो को हटाने को लेकर उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। यूथ विंग के पदाधिकारी को हटाने के बाद प्रभारी ने नाराजगी जताई तो विधायक ने स्पष्ट कह दिया था कि संगठन देखना उनका काम है। अब चर्चा है कि संगठन मुखिया विधायक के तेवरों से असहज हैं।विधानसभा की आधा दर्जन सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों को लेकर ड्यूटियां लग रही हैं और इन ड्यूटियों की लिस्ट में अब तक युवा विधायक का नाम नहीं आया है। इसे संगठन मुखिया की युवा विधायक के बयान के बाद नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।

कभी फैसलों से यू-टर्न तो कभी बयानों से बिगड़ी बात!
प्रदेश की सरकार में पिछले करीब एक साल से फैसले लेने के मामले में कई बार किरकिरी देखने को मिली है। राजकाज के फैसलों पर यू-टर्न लेने का रिवाज सा चल पड़ा है। चाहे राजनीतिक नियुक्ति हो चाहे कोई ट्रांसफर लिस्ट हो तुरंत उस पर रोक लग जाती है। यह सारा बिग बॉस जैसे गेम शो की तर्ज पर हो रहा है। राजनीतिक जानकारों को अभी तक यह समझ नहीं आ रहा है कि असल पावर सेंटर कौन है? रही सही कसर  पार्टी नेताओं और मंत्रियों के बयान पूरी कर देते हैं। हाल ही में पढ़ाई लिखाई वाले महकमे के मंत्री ने शिक्षकों को लेकर एक विवादित बयान दे दिया। शिक्षकों के कपड़ों को लेकर की गई टिप्पणी से शिक्षक वर्ग में खूब नाराजगी है। अब पार्टी के ही एक विधायक ने सार्वजनिक मंच पर कहा है कि मंत्री इधर-उधर की बातें करते हैं जिससे मामला बिगड़ जाता है। वह सरकार के मुखिया से मुलाकात कर मंत्री को सलाह देने की मांग करेंगे ताकि बयानों से गलत संदेश न जाए। फिलहाल सत्ता वाली पार्टी में ऐसी किरकिरी के खूब चर्चे हैं।
 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!