Edited By Chandra Prakash, Updated: 13 Jan, 2025 08:31 AM
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व है। हर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्री...
अजमेर, 13 जनवरी 2025 । हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व है। हर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पौष मास की पूर्णिमा सोमवार 13 जनवरी को है। इस पर्व का महत्व काफी अधिक है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और तीर्थ यात्रा करने की परंपरा है। मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर की गई तीर्थ यात्रा से अक्षय पुण्य मिलता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से विशेष महत्व है। यह पौष माह के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा तिथि के दिन पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन चंद्रमा पूर्ण रूप से अपनी ज्योति बिखेरता है। यही वजह है कि इस दिन भक्त धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान-दान के लिए शुभ मानते हैं।
पौष पूर्णिमा शुभ योग
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि अगले साल पौष पूर्णिमा पर रवि योग और भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे। ज्योतिष रवि योग को शुभ मानते हैं।
पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पौष माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जनवरी को सुबह 05:03 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 14 जनवरी को प्रातः 03:56 मिनट पर होगा। ऐसे में पौष पूर्णिमा सोमवार 13 जनवरी को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पौष पूर्णिमा दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं, वरना घर पर ही सामान्य जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंभ का जप करें। इसके बाद एक चौकी पर साफ-सुथरा लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पूजा में धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें। शाम के समय पूजा के दौरान अपने समक्ष पानी का कलश रखें। विष्णु जी को पंचामृत, केला और पंजीरी का भोग अर्पित करें। इसके बाद पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा करवाएं और आसपास के लोगों को भी आमंत्रित करें। पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बांटे और दान-दक्षिणा दें।
महाकुंभ का आरंभ
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि 13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा के दिन से साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 25 फरवरी 2025 को होगा। बता दें कि हर 12 साल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।
धार्मिक महत्व
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पौष पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में शाही स्नान किया जाता है। इसी के साथ इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा पर सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस बार पौष पूर्णिमा से यानी 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरु होने जा रहा है।
करें ये काम
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पौष पूर्णिमा के सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। यदि आप किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान कर सकते हैं तो उत्तम है। वरना आप घर पर ही गंगाजल पानी में डालकर स्नान कर लें। फिर व्रत का संकल्प लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग के वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पूजा में धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें और अंत में पूर्णिमा की कथा पढ़ें।
धार्मिक अनुष्ठान: इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत करने से विशेष फल मिलता है।
स्नान-दान: ऐसा माना जाता है कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
माघ मास की शुरुआत: पौष पूर्णिमा के बाद माघ मास का आरंभ होता है, जो स्नान और तप के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
सत्यनारायण व्रत कथा: इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।