Edited By Rahul yadav, Updated: 12 Dec, 2024 05:50 PM
जालोर में पिछले 23 दिनों से जवाई बांध के पानी पर हक की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव जारी है। इसी बीच, बुधवार को कांग्रेस नेता और जालोर-सिरोही लोकसभा सीट के पूर्व प्रत्याशी वैभव गहलोत धरनास्थल पर पहुंचे। करीब 30 मिनट की चर्चा के दौरान किसानों ने...
जालोर में पिछले 23 दिनों से जवाई बांध के पानी पर हक की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव जारी है। इसी बीच, बुधवार को कांग्रेस नेता और जालोर-सिरोही लोकसभा सीट के पूर्व प्रत्याशी वैभव गहलोत धरनास्थल पर पहुंचे। करीब 30 मिनट की चर्चा के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं और शिकायतें रखते हुए कहा कि यदि कांग्रेस सरकार ने पहले उनकी समस्याओं का समाधान किया होता, तो आज वे सड़कों पर नहीं होते। किसानों ने वैभव से कहा, "पिछली बार भी आपकी सरकार थी। तब धरना खत्म कराने के लिए कहा गया था कि जो आप कहेंगे, वही होगा। लेकिन आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। अगर गहलोत सरकार ने किसानों का भला किया होता, तो हम उन्हें फिर से जीताते।"
किसानों की शिकायतें
भारतीय किसान संघ के जिला सहमंत्री जगाराम माली ऐलाना ने कहा कि नेता चाहे कांग्रेस के हों या भाजपा के, वे सिर्फ झूठे वादे करते हैं और काम नहीं करते। प्रांत उपाध्यक्ष खीमसिंह ने बताया कि जवाई बांध बनने के बाद जालोर जिले के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जलस्तर गिरकर 700-800 फीट तक पहुंच गया है, जिससे सिंचाई और पीने के पानी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
किसानों का आरोप
किसानों ने बताया कि पिछली बार कांग्रेस सरकार ने धरना समाप्त कराने के लिए कई आश्वासन दिए थे, लेकिन उनका कोई क्रियान्वयन नहीं हुआ। खीमसिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान जवाई नदी को पुनर्जीवित करने का वादा किया था, लेकिन सालभर बीतने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसानों ने वैभव से विपक्षी पार्टी के नाते विधानसभा में उनकी आवाज उठाने की मांग की।
वैभव गहलोत का जवाब
वैभव गहलोत ने कहा कि किसान 23 दिन से सड़कों पर बैठे हैं, और यह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा, "केंद्र सरकार ने किसानों का एक साल बर्बाद कर दिया। भाजपा नेता यहां आकर वादे करके चले गए, लेकिन समाधान के लिए कुछ नहीं किया।"
वैभव ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने जवाई पुनर्भरण योजना की घोषणा की थी। यदि इस योजना को आगे बढ़ाया गया होता, तो यह समस्या कभी पैदा नहीं होती। उन्होंने किसानों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा और सरकार से जल्द से जल्द समाधान की मांग की।
धरना जारी रहेगा
किसानों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे धरना समाप्त नहीं करेंगे। उनका कहना है कि जवाई बांध के पानी के बंटवारे को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है। इसलिए वे सरकार से नियम और नीति बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि जालोर के किसानों को उनका हक मिल सके।