Edited By Bhawna sharma, Updated: 28 Nov, 2024 06:35 PM
राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग एक दिवसीय दोरे पर जालौर रवाना होने से पहले जोधपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान जवाई बांध के पानी पर एक तिहाई हक तक करने के मामले पर कहा कि उनकी मांग वाजिब है।
जोधपुर, 28 नवंबर 2024 । राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग एक दिवसीय दोरे पर जालौर रवाना होने से पहले जोधपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान जवाई बांध के पानी पर एक तिहाई हक तक करने के मामले पर कहा कि उनकी मांग वाजिब है।
उन्होंने कहा आहोर, जालोर, सायला, बगोड़ा के लोग पिछले दस दिनों से इस मांग को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे है। ये आज की मांग नहीं है, बल्कि 35-40 सालों से मांग है । जवाई बांध बनने के कारण तीन सौ किलोमीटर के लम्बाई वाले क्षेत्र में भूजल स्तर तेजी से गिर गया है। राजस्थान जल नीति 2010 जो बनी हुई है। उसमें सरकार ने घोषित कर रखी है, एक लाइन लिखी है बांध के निचले स्तर पर भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए बांध से पानी छोड़ा जाएगा।
जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि पानी छोड़ना तो सरकार ने 14 साल पहले तय कर लिया, लेकिन कब, कितना व कैसे छोड़ना है यह तय होना है। सरकार से बात हो गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंचाई विभाग, संभागीय आयुक्त प्रतिभासिंह व जालोर कलेक्टर से लेकर तमाम अधिकारियों से बात हो गई है। लेकिन मैं अधिकारियों से कहना चाहूंगा कि जब-जब यह मुद्दा उठा है, वे इसको दबाने का प्रयास करते है, लेकिन अब नहीं करे । पूरे क्षेत्र में करीब 300 किलोमीटर क्षेत्र में नदी के दोनों किनारे पर दस-दस किलोमीटर के लोग लाभान्वित हो रहे है।
साथ ही कहा कि देश के गृह मंत्री ने चुनाव के दौरान भी कहा था कि जवाई नदी को फिर से शुरू किया जाएगा, लेकिन अब केवल अधिकारी सरकार व मुख्यमंत्री को मिस गाइड कर रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों से कहूंगा कि वे गफलत पैदा नहीं करें। क्योकि राजनीतिक इच्छा शक्ति होने के बावजूद अधिकारियों की वजह से किसानों को हक नहीं मिल पाता है।
जवाई में पानी नहीं होने के सवाल पर कहा कि यह मामला भी हमारे ध्यान में है, मुख्यमंत्री ने इस बार बजट में घोषणा कर चुके है, ऐसे में एक्स्ट्रा पानी आएगा तब देंगे, लेकिन नीति तो बनाई। किसानों का आग्रह यह है कि नीति तय करें जब जवाई में पानी होगा तब देंगे, लेकिन कुछ तय तो करे।
मुख्य सचेतक गर्ग ने कहा कि जवाई हमारे लिए बनने के साथ ही मुसीबत है, जब पानी होता है तो पानी नहीं मिलता है। कम पानी होता है तो जालोर में सूखा रहता है और जब पानी ज्यादा होता है तो बाढ़ के हालात भी जालोर में ऐसे में जालोर के लिए समस्या है, लेकिन अब हम चाहते है कि जालोर को जवाई में उनके हक का पानी तय किया जाए।