Edited By Liza Chandel, Updated: 20 Nov, 2024 06:20 PM
राजस्थान के किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक रवि सोनड ने मालपुरा, टोंक में कार्यरत आरएएस अधिकारी और एसडीएम अमित चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोनड का दावा है कि अमित चौधरी ने अपने चयन और नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान एक आपराधिक मामला छुपाया, जिससे यह...
किसान नेता रवि सोनड ने SDM अमित चौधरी पर लगाए गंभीर आरोप
राजस्थान के किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक रवि सोनड ने मालपुरा, टोंक में कार्यरत आरएएस अधिकारी और एसडीएम अमित चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोनड का दावा है कि अमित चौधरी ने अपने चयन और नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान एक आपराधिक मामला छुपाया, जिससे यह प्रकरण और विवादित हो गया है।
आपराधिक मामले का उल्लेख
रवि सोनड के अनुसार, जब अमित चौधरी आरएएस अधिकारी बने, उस समय उनके खिलाफ आदर्श नगर पुलिस थाना, अजमेर में एक आपराधिक मामला दर्ज था। यह मामला एफआईआर संख्या 67/2013 के तहत दर्ज हुआ था। 4 दिसंबर 2015 को न्यायालय ने चौधरी को "संदेह का लाभ" देकर बरी कर दिया, लेकिन इस मामले की जानकारी उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और भर्ती प्रक्रिया में छुपाई।
कानूनी उल्लंघन का आरोप
सोनड का कहना है कि राजस्थान सिविल सेवा नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति, जिसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो, चयन प्रक्रिया में अयोग्य माना जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित चौधरी ने जानबूझकर गलत जानकारी देकर RPSC को गुमराह किया और चयन प्रक्रिया के दौरान फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। यह आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग), 120B (षड्यंत्र), और 182 (गलत सूचना) का स्पष्ट उल्लंघन है।
पुलिस और प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
रवि सोनड ने यह भी दावा किया कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों, आदर्श नगर थाने और सिविल लाइंस पुलिस थाने के सहयोग से इस मामले को दबाने की कोशिश की गई। उनके अनुसार, यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें चौधरी ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने और गलत पात्रता दर्शाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए।
शिकायत और संभावित परिणाम
सोनड ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक (DGP), आईजी अजमेर, एसपी अजमेर, और सिविल लाइंस थाने को भेजी है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
नया मोड़ आने की संभावना
यदि रवि सोनड के आरोप और दस्तावेजों की जांच में सच्चाई पाई जाती है, तो यह मामला एक बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद बन सकता है। SDM अमित चौधरी की नियुक्ति रद्द होने और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग उठ सकती है।
यह प्रकरण राजस्थान प्रशासनिक सेवा और पुलिस विभाग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। अब यह देखना होगा कि संबंधित अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और रवि सोनड के आरोपों की जांच कैसे होती है।