मानवीय त्रुटि की संभावना को खत्म करेगा इलेक्ट्रॉनिक इंटर लॉकिंग सिस्टम

Edited By Chandra Prakash, Updated: 30 Aug, 2024 09:10 PM

electronic inter locking will eliminate the possibility of human error

पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल सुरक्षा एवं संरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है तथा इससे संबंधित उपायों को लागू करने तथा नयी-नयी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मंडल अग्रणी भूमिका निभा रहा है। ई.आई.आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जो ट्रेन के...

चित्तौड़गढ़,30 अगस्त 2024 । पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल सुरक्षा एवं संरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है तथा इससे संबंधित उपायों को लागू करने तथा नयी-नयी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मंडल अग्रणी भूमिका निभा रहा है। ई.आई.आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जो ट्रेन के आवाजाही पर सटीक नियंत्रण सुनिश्चित करता है और मानवीय त्रुटि की संभावना को समाप्त करता है। 

वर्तमान में भारतीय रेलवे पर ई.आई. का प्रचलन है जो कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। रतलाम मंडल संरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए सभी विद्युत सिग्नलिंग प्रतिष्ठानों को नए कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटर लॉकिंग सिस्टम से बदल रहा है। मंडल पर वर्तमान में 103 इंटर लॉक्ड रेलवे स्टेशन हैं, जिसमें 70 स्टेशनों पर ई.आई. प्रणाली कार्यशील है। मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार के कुशल मार्गदर्शन एवं सिगनल, परिचालन एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के आपसी समन्वय के कारण पिछले दो वर्षों में 25 अधिक स्टेशनों पर आरआरआई/पीआई के स्थान पर आधुनिक ई.आई. प्रणाली लगाया गया है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए रतलाम मंडल के शेष स्टेशन भी निकट भविष्य में एडवांस इलेक्ट्रॉनिक इंटर लॉकिंग (ईआई) प्रणाली से युक्त हो जाएंगे।

क्या है इलेक्ट्रानिक इंटर लॉकिंग सिस्टम
ई.आई.सिगनल, पॉइंट और लेवल क्रॉसिंग गेटों को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर आधारित सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करता है। पारंपरिक रूट रिले इंटर लॉकिंग या पैनल इंटर लॉकिंग सिस्टम में जहां असंख्य तारों और रिले का उपयोग किया जाता है, जबकि ई.आई.प्रणाली में लॉजिक का प्रबंधन करने के लिए सॉफ्टवेयरऔर इलेक्ट्रॉनिक घटकों का उपयोग किया जाता है। यह यार्ड में सिगनलिंग गियरसे प्राप्त इनपुट को पढ़ता है तक सेफ और ऑपरेशनल कंसोल (वीडीयू-विजुअलडिस्प्ले यूनिट) से प्राप्त आदेशों को फेल-सेफ तरीके से संपादित करता है। इस तकनीक से कई लाभ हुए हैं जिसका संरक्षा पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है और साथ ही ट्रेनों की गति बढ़ाने में भी मदद मिली है। इससे स्टेशनों मास्टरों की कार्य प्रणाली में सुधार हुआ है क्योंकि सारा सिस्टम कम्प्यूटर की स्क्रीन पर समाहित हो जाता है जिससे इसे संचालित करना काफी सरल होता है तथा पारंपरिक पैनल के बटनों विफलता की संभाना को कम करता है। यह प्रणाली परस्पर विरोधी मार्गों, गलत सिगनल या मानवीय चूक के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करती है। इलेक्ट्रॉनिक इंटर लॉकिंग को आज के समय के सबसे प्रासंगिक कवच तकनीक के साथ साथ सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (सीटीसी) के साथ भी जोड़ा जा सकता है। यह कुशल कामकाज में भी सक्षम है जिससे परिचालन का समय कम हो गया है।

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