पर्युषणा का आठवां दिन, संवत्सरी क्षमा यामना -मुनि प्रसन्न

Edited By Chandra Prakash, Updated: 08 Sep, 2024 06:44 PM

eighth day of paryushana samvatsari forgiveness

पर्युषणा का आठवां दिन संवत्सरी महापर्व की आराधना में विभिन्न पौखध त्याग आदि के प्रायोगिक उपासना के रूप में मुनि संजय कुमार के सानिध्य में रविवार को मनाया गया। मुनि प्रकाश कुमार एवं मुनि धैर्य कुमार ने संवत्सरी पर्व पर इतिहास के संदर्भ में सम्बोधन...

चित्तौड़गढ़,  08 सितंबर 2024। पर्युषणा का आठवां दिन संवत्सरी महापर्व की आराधना में विभिन्न पौखध त्याग आदि के प्रायोगिक उपासना के रूप में मुनि संजय कुमार के सानिध्य में रविवार को मनाया गया। मुनि प्रकाश कुमार एवं मुनि धैर्य कुमार ने संवत्सरी पर्व पर इतिहास के संदर्भ में सम्बोधन दिया।

मुनि संजय कुमार ने आचारांग सूत्र का वांचन कर महावीर के साधना की विलक्षण घटनाओं को सुनाया। उन्होने इस मौके पर बताया कि परम धार्मिक आत्मा भगवान महावीर थे। फिर भी उनमे मारपगांतिक कष्ट उस सत युग में भी आए तो वर्तमान युग में कष्ट आए तो आश्चर्य नहीं लगता है, क्योंकि कल युग चल रहा है। परम धार्मिक कष्ट उपसर्गों को समता से सहन करता है। उसको सकारात्मक दृष्टी से देखता है कि ये कष्ट मेरे कल्याण के हेतु है। मुनि श्री ने बताया कि अधार्मिक इनको नेगेटिव में लेकर दुखी बन जाता है। दोनों में समता और ममता का फर्क है।

मुनि प्रसन्न कुमार ने आज संवत्सरी महापर्व का मानवीय ही नहीं प्राणीमात्र के कल्याण का महत्वपूर्ण दिन माना गया है। केवल जैन समाज की आध्यात्मिक पर्व नहीं है। प्राणी मात्र के कल्याण के शांति अमन चैन की कामना एवं सौहार्द सद्भावना क प्रयोग इस पर्व में होते हैं। संवत्सरी महापर्व प्राणी मात्र में मैत्री सौहार्द का वातावरण निर्मित कर दुश्मनी वैर को समाप्त करने का प्रयत्न करता है। वैसे पर्युषण संवत्सरी की आध्यात्मिक पृष्ठभूमि इतनी महत्वपूर्ण कि सभी धर्म सम्प्रदायों को मान्य है। क्षमन खमणा यिन क्षमा देना व लेना कितना महत्वपूर्ण है। यहां माफी नामा प्रायश्चित दण्ड से राजीनाम हो गया तो आगे वैर दुश्मन नहीं बढ़ेगी। इसलिए दुश्मनी वैर विरोध की गांठ का ऑपरेशन मैत्री सौहार्द से ही संभव होता है। मुनि श्री ने बताया कि बड़े बड़े देश भी दुश्मनी की वजह से बर्बाद हो गए और वर्तमान में भी हो रहे है। क्षमा मैत्री का प्रयोग करते तो युद्ध की बर्बादी मैत्री व अमनचैन में बदल जाती है। संवत्सरी का मुख्य लक्ष्य क्षमा देना व लेना परिणाम मैत्री सौहार्द अमन चैन के वातावरण में बदल कर सदा के लिए स्थाई समाधान करना हमारा लक्ष्य बने। युद्ध की विभिषिका से बर्बाद हो देशों को हमारा संदेश देकर बचाना है।
 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!