Edited By Chandra Prakash, Updated: 12 Aug, 2024 08:07 PM
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्थाई कर्मचारी घोषित करने, सम्माजनक मानदेय वृद्धि व सेवानिवृति पर 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं पेंशन सुविधा की मांग केन्द्र सरकार की है। इन मांगों के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिला कलक्ट्रेट में...
हनुमानगढ़, 12 अगस्त (बालकृष्ण थरेजा): आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्थाई कर्मचारी घोषित करने, सम्माजनक मानदेय वृद्धि व सेवानिवृति पर 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं पेंशन सुविधा की मांग केन्द्र सरकार की है। इन मांगों के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिला कलक्ट्रेट में विरोध-प्रदर्शन कर अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रधानमंत्री के नाम जिला कलक्टर कानाराम को ज्ञापन सौंपा।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि देश हित में वर्ष 1975 से नौनिहालों का शिक्षण-पोषण कर देश एवं राज्यों के लिए भावी कर्णधारों को तैयार कर रही मेहनतकश अल्प मानदेय कार्मिकों (आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं) का न कोई वर्तमान है न ही भविष्य सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के बाल विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार देशभर में करीब 28 लाख महिला कार्मिक अल्प मानदेय पर कार्यरत हैं। करीब-करीब इनके साथ एवं बाद के संविदा कर्मियों को राज्य सरकारों की ओर से नियमित किया जाता रहा है। उन्होंने मांग की कि नई शिक्षा नीति के मद्देनजर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सेविकाओं को नर्सरी टीचर बनाने के विकल्प एवं विकल्पों पर विचार कर समय रहते नियमित करने का निर्णय लिया जाए।
जिला सचिव रानी कौर ने बताया कि भारत सरकार ने मार्च 2019 में कार्यकर्ता के 3000 से 4500 रुपए व सहायिकाओं के 1500 से 2250 रुपए मानदेय वृद्धि की। इसमें 60:40 का अंशदान केन्द्र एवं राज्य का है। विगत 6 वर्षों में महंगाई निरन्तर बढ़ी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक दर में निरंतर इजाफा हुआ। इसके कारण केन्द्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा। आम मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में भी बढ़ोतरी हुई, परन्तु विडम्बना है कि सत्तारूढ़ केन्द्र सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्मिकों का मानदेय नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने मांग की है, कि केन्द्र सरकार की ओर से दिए जा रहे मानदेय अंशदान में तीन गुना मानदेय वृद्धि की जाए। राज्य के अंशदान को जोडऩे पर 20 से 25 हजार रुपए तक मानदेय वृद्धि हो सके, यह सुनिश्चित किया जाए।
जिला मंत्री किरण सैन ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के मानदेय सेवानिवृति पर कोई सामाजिक सुरक्षा कवच नहीं है। सेवानिवृति पर जीवन के अंतिम पड़ाव वृद्धावस्था में दस लाख रुपए नकद भुगतान एवं मासिक नियमित पेंशन लाभ मिले, इस तरह की नीति बनाई जाए। यह सुविधा कार्मिकों के लिए वृद्धावस्था में एक लाठी का सहारा होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें उनका हक नहीं दिया गया तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर प्रीतपाल कौर, जसविन्द्र कौर, कविता, माया देवी, ममता, संतोष कुमारी, मीना कुमारी, अनीता, नसीब कौर, गोमती, कविता, प्रीति आदि मौजूद थीं।