तीन करोड़ की क्षतिपूर्ति के आदेश, मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण का फैसला, चित्तौड़गढ़ में अब तक का सबसे बड़ा अवार्ड

Edited By Chandra Prakash, Updated: 17 Aug, 2024 06:20 PM

decision of motor vehicle accident tribunal

मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण चित्तौड़गढ़ ने अब तक का सबसे बड़ा अवार्ड जारी किया है। जिसमें एक दुर्घटना में मृत तीन लोगों के परिजनों को करीब तीन करोड़ रुपए की राशि बतौर क्षतिपूर्ति जारी करने को कहा गया है। इस राशि में दो करोड़ 35 लाख रुपए की राशि बतौर...

चित्तौड़गढ़, 17 अगस्त 2024(ब्यूरो): मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण चित्तौड़गढ़ ने अब तक का सबसे बड़ा अवार्ड जारी किया है। जिसमें एक दुर्घटना में मृत तीन लोगों के परिजनों को करीब तीन करोड़ रुपए की राशि बतौर क्षतिपूर्ति जारी करने को कहा गया है। इस राशि में दो करोड़ 35 लाख रुपए की राशि बतौर अवार्ड और 63 लाख 60 हजार रुपए की राशि बतौर ब्याज दिए जाने के लिए का गया है। मिली जानकारी के अनुसार रॉयल सुंदरम जनरल इन्श्योरेन्स कंपनी को करीब 3 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति के आदेश दिए जाने के साथ उक्त राशि की वसूली तक 6 प्रतिशत ब्याज देने को कहा गया है।

यह था मामला
प्रकरण के अनुसार 1 दिसम्बर 2019 को मध्यप्रदेश के सुवासरा क्षेत्र में रिश्तेदारी में विवाह समारोह में शामिल होने के लिए मीठारामजी का खेड़ा, पीएनटी कॉलोनी  चित्तौड़गढ़ निवासी गणपतलाल मीणा, गजेंद्र मीणा और चम्पा बाई आदि कार से गए थे। वहां कार्यक्रम में शामिल होने के बाद तीनों परिवार सहित चित्तौड़गढ़ लौट रहे थे। इस दौरान सुवासरा धामनिया मार्ग पर धामनिया फंटे के पास तेज गति से आते ट्रक ने उनकी कार को चपेट में ले लिया था। हादसे में गणपतलाल, गजेन्द्र मीणा और चंपा बाई की मौके पर ही मौत हो गई। जिसको लेकर ट्रक चालक के खिलाफ दुर्घटना कारित करने का मामला दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने चालान पेश किया। हादसे में मृतक गणपत की पत्नी बरखा रानी और उसकी दो पुत्रियों, गजेन्द्र मीणा की पत्नी संतोष ने अपने दो पुत्रों और सास के अलावा चम्पा बाई के पुत्र मधुवन कॉलोनी के शंकरलाल मीणा, पुत्री दुर्गा की ओर से अधिवक्ता जसवंतसिंह राठौड़, प्रेमसिंह पंवार, नेपालसिंह झाला, जोरावर सिंह चौहान, रमेश जोगी के मार्फत मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण के समक्ष क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया था।

सुनवाई के दौरान इंश्योरेंस कंपनी ने बताया कि उक्त दुर्घटना कार चालक गजेन्द्र मीणा की गफलत लापरवाही से घटित हुई। बताया गया कि सुबह का समय था, ऐसे में कार चालक गजेन्द्र को झपकी आ गई और ट्रक से जा टकराई। पीठासीन अधिकारी अरूण जैन ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इंश्योरेंस कंपनी के तमाम तर्कों को खारिज करते हुए मृतकों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का हकदार माना और तीनों ही मृतकों के परिजनों के पक्ष में अवार्ड जारी किया।

न्यायालय द्वारा बरखा रानी और उसके परिजनों के पक्ष में 1 करोड़ 30 लाख 36 हजार 50 रुपए, संतोष मीणा के परिजनों के पक्ष में 1 करोड़ 1 लाख 75 हजार 248 रुपए और चम्पा बाई के पुत्र और पुत्री को 3 लाख 44 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति का हकदार मानते हुए उक्त राशि पर दावा प्रस्तुति से अवार्ड राशि दिए जाने तक इंश्योरेंस कंपनी को 6 प्रतिशत ब्याज भी चुकाने को कहा। साथ ही उन्हें अब तक की ब्याज राशि 63 लाख 60 हजार रुपए बन रही है। अधिवक्ता जसवंतसिंह राठौड़ ने दावा किया कि चित्तौड़गढ़ का अब तक का यह सबसे बड़ा अवार्ड है।
 

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