Edited By Raunak Pareek, Updated: 12 Oct, 2025 04:41 PM

दौसा जिले के सैंथल सागर बांध में इस बार मानसून की वजह से भरपूर पानी आया है। ग्रामीण चाहते हैं कि बांध का गेट न खोला जाए, ताकि जल स्तर बढ़े और सैकड़ों गांवों को फायदा मिल सके। जिला कलेक्टर से ग्रामीणों ने इस मांग को गंभीरता से लेने की अपील की है।
इस बार मानसून ने राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में खूब मेहरबानी दिखाई है। प्रदेश के अधिकांश बांध लबालब भरे हुए हैं। दौसा जिले के सैंथल सागर बांध में भी अच्छी खासी पानी की आवक हुई है, जिससे बांध करीब 28 फीट तक भर चुका है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बांध के भरे रहने से आसपास की करीब 20 से 30 पंचायतों और सैकड़ों गांवों का भू-जल स्तर (Water Level) बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। ग्रामीणों के अनुसार, लोग वर्षों से बांध के ओवरफ्लो होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि इलाके में भूजल स्तर में सुधार हो सके।
लेकिन हाल ही में कुछ ग्रामीणों द्वारा अपनी निजी खेती और स्वार्थ के चलते नहर की मोरी (गेट) खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में रोष है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर दौसा को ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि नहर का गेट किसी भी सूरत में न खोला जाए, ताकि बांध का पानी क्षेत्र की भलाई में उपयोगी रह सके और भूजल स्तर बरकरार रहे।
लोगों का कहना है कि अगर नहर खोली गई, तो बांध का पानी कम हो जाएगा और इसका सीधा असर दर्जनों गांवों के जलस्तर पर पड़ेगा। आमजन ने जिला प्रशासन से अपील की है कि इस जनहित से जुड़ी मांग पर गंभीरता से विचार किया जाए।