देश विदेशों में धूम मचा रही है दौसा की गजक, विशेषता जानकर चौंक जाएंगे आप

Edited By Ishika Jain, Updated: 01 Jan, 2025 02:54 PM

dausa s gajak is making a splash in the country and abroad

नए साल की शुरुआत हो चुकी है। साथ ही सर्दी का सितम भी परवान पर है। अब सर्दी का मौसम हो और गजक की बात ना चले, ऐसा हो नहीं सकता। राजस्थान में गजक के मामले में दौसा का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहता है। यहां पर डेढ़ सौ प्रकार की गजक बनाई जाती है ।...

दौसा : नए साल की शुरुआत हो चुकी है। साथ ही सर्दी का सितम भी परवान पर है। अब सर्दी का मौसम हो और गजक की बात ना चले, ऐसा हो नहीं सकता। राजस्थान में गजक के मामले में दौसा का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहता है। यहां पर डेढ़ सौ प्रकार की गजक बनाई जाती है । जिसकी मांग देश विदेश में है। 

जानकारी के मुताबिक यहां का एक-एक दुकानदार लगभग 300-400 किलो गजक रोज बनाकर बेच देता है। अमूमन देखा जाता है कि आजकल मशीनों से गजक बनाई जाने ;लगी है, जिसमें म्हणत भी कम होती है और समय की बचत भी होती है। मगर दौसा में आज भी गजक मशीनों से नहीं बल्कि हाथों से बना कर कस्ता करारी गजक के नाम से बेचा जाता ह,  जिसका स्वाद ऐसा की मुंह में रखते ही अपने आप पिघल जाए ।

गजक निर्माता रामावतार साहू ने बताया कि उनके यहां की गजक देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी स्पेशल डिमांड के साथ मंगाई जाती है। उन्होंने कहा की हम शुद्धता का पूरा ध्यान रखते हुए गजक बनाते हैं। जिनमें कई प्रकार की वैरायटी होती है, जैसे चीनी की गजक, देसी घी की गजक, तिलपट्टी, मूंगफली की चिक्की और मूंगफली की पट्टी जैसे डेढ़ सौ आइटम। उन्होंने कहा कि तिल के मामले में तो यह कहा जाता है जब तक तिल हाथों से कुटाया नहीं जाता, तब तक गजक का स्वाद आना मुश्किल है ।

रामावतार साहू ने बताया कि वह पिछले 22 सालो से गजक बना रहे हैं। सर्दियों के मौसम में लगभग 60 से 70 लाख रुपए की गजक उनके यहां से बनाकर सप्लाई की जाती है, जिसकी एक से बढ़कर एक क्वालिटी हमारे यहां मौजूद है। उन्होंने बताया कि डेढ़ सौ रुपए से लेकर और 450 रुपए किलो तक की गजक इनके यहां सर्दियों के मौसम में अच्छी तादाद में बेची जाती है। जिसके चलते अब यह लोग अपनी गजक को इस आधुनिक जमाने में ऑनलाइन बेचने पर भी विचार कर रहे है। खैर यह मामला उनका अपना निजी मामला है लेकिन सर्दियों के मौसम में यदि आपने गजक खाई हो तो आपको गजक की महत्वता पता होगा।  सर्दी के मौसम में तिल और तिल से बनने वाली गजक को खाने का चलन है। माना जाता है कि सर्दियों के मौसम में तिल या तिल से बनी गजक खाने से शरीर में इम्यूनिटी बराबर बनी रहती है, क्योंकि सर्दी के मौसम में हर इंसान की इम्युनिटी कम होने लगती है, जिसे मेंटेन करने के लिए तिल शरीर को बहुत आवश्यक है।  
 

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