सभापति के निलंबन के बावजूद भी नगर परिषद पर लग रहे हैं भ्रष्टाचार के आरोप !

Edited By Chandra Prakash, Updated: 11 Oct, 2024 03:03 PM

corruption allegations against dausa municipal council

दौसा नगर परिषद पर एक बार फिर सभापति के निलंबन के बाद भी भ्रष्टाचार के आरोप लगना शुरू हो गए, जिसके चलते नगर परिषद के पार्षद शाहनवाज खान ने नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के नए आरोप लगा दिए हैं । आपको बता दें कि हाल ही में दौसा नगर परिषद की सभापति ममता चौधरी...

 

दौसा, 11 अक्टूबर 2024 । दौसा नगर परिषद पर एक बार फिर सभापति के निलंबन के बाद भी भ्रष्टाचार के आरोप लगना शुरू हो गए, जिसके चलते नगर परिषद के पार्षद शाहनवाज खान ने नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के नए आरोप लगा दिए हैं । आपको बता दें कि हाल ही में दौसा नगर परिषद की सभापति ममता चौधरी को डीएलबी ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत के चलते निलंबित किया था, उसके बावजूद भी नगर परिषद पर भ्रष्टाचार आरोप लग रहे हैं । 

दौसा नगर परिषद वार्ड नंबर 15 के पार्षद शाहनवाज मोहम्मद की माने तो दौसा नगर परिषद ने अब कचरे में भ्रष्टाचार शुरू कर दिया है, जिसके चलते संस्कृत कॉलेज के पीछे स्थित रावण के टीले पर शहर के कचरे को लाकर डाला जा रहा है । जबकि नगर परिषद का खुद का 40 बीघा भूमि में डंपिंग यार्ड बनाया हुआ है । उसके बावजूद भी इस कचरे को शहर में डाला जा रहा है ।

वार्ड नंबर 15 के पार्षद शाहनवाज मोहम्मद ने नगर परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस ठेकेदार के जिम्मे में शहर की कचरा व्यवस्था का ठेका है । वह ठेकेदार इस कचरे को शहर के बाहर बने डंपिंग यार्ड में डालकर नगर परिषद की मिली भगत के चलते रावण के टीले पर डाल रहा है । जिस ठेकेदार को वहां तक आने-जाने का खर्चा भी कम पड़ रहा है और शहर को भी बीमारी की ओर दखेला जा रहा है । वहीं पार्षद ने बताया कि रावण के टीले पर दशहरे के दिन रावण दहन होना है, जहां हजारों की संख्या में आमजन मौजूद रहेगा । इस टीले पर शहर की गंदगी का जमावड़ा जमा कर उसके ऊपर मिट्टी की लेयर बनाई जा रही है, जिससे कचरा ढक जाए और नगर परिषद की पोल भी ना खुले । साथ ही पार्षद ने कहा है कि नगर परिषद में यदि भ्रष्टाचार नहीं रुके तो उन्हें मजबूरन नगर परिषद के बाहर हड़ताल पर बैठना होगा ।

 

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हम आपको बता दें की पार्षद शाहनवाज मोहम्मद रावण के टीले पर कचरे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं, इस परिधि से बिल्कुल नजदीक संस्कृत कॉलेज कृषि विभाग का कार्यालय, जिला चिकित्सालय और डॉक्टर आवास के साथ आसपास में लोगों के मकान भी बने हुए हैं । इन सबके बीच में लाकर शहर की इस गंदगी को भरना, निश्चित रूप से नगर परिषद की ओर भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है । क्योंकि यदि ठेकेदार इस कचरे को डंपिंग यार्ड पर ले जाएगा तो निश्चित रूप से उसको वहां तक आने-जाने में खर्चा ज्यादा करना पड़ेगा और यदि नगर परिषद के आदेश ऐसे हैं कि रावण के टीले पर कचरा डाला जाए तो इसका मतलब यह भी माना जा सकता है कि ठेकेदार डंपिंग यार्ड पर कचरे को ले जाकर तोल करता है और उसके बाद इस कचरे को लाकर शहर में रावण के टीले पर डालता है या फिर बिना तोल किये ही यह सारा मामला अंजाम दिया जा रहा है ।

क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
उधर, नगर परिषद की SI राम प्रकाश का कहना है कि पिछले दिनों बारिश होने के चलते घर-घर से कचरा लाने वाले वहां 40 बीघा में बने यार्ड तक नहीं पहुंच पाए थे । जिसके चलते इस कचरे को यहां डलवा दिया गया है और कुछ दिनों में यहां से हटा दिया जाएगा । लेकिन बड़ा सवाल अभी यही है कि यदि इस कचरे से बीमारी फैलने की तो उसकी जिम्मेदारी क्या नगर परिषद लगी या नहीं।

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