Edited By Ishika Jain, Updated: 11 Feb, 2025 03:56 PM
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चूरू सांसद राहुल कस्वां ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की गाइडलाइंस से जुड़ा प्रश्न किया।
दिल्ली। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की गाइडलाइंस से जुड़ा प्रश्न किया। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर 2000 को 'प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना' देश के अंदर लागू हुई। इसका उद्देश्य था कि इस देश के हर गांव को डामर की सड़क से जोड़ा जाए। वक्त बदलने के साथ गांवों की आबादी बढ़ती चली गई है। बीते 10 साल में भारत सरकार ने दो स्कीम निकाली- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (फेज-2, फेज-3) - जिसकी गाइडलाइन कहती है कि मौजूदा सड़कों का चौड़ीकरण किया जाए, ताकि वो सड़कें MDR कैटेगरी में आ जाएं।
उन्होंने कहा कि जब हम फेज-2, फेज-3 में ग्रामीण सड़कों के चौड़ीकरण का काम कर रहे थे तो फिर फेज-4 में इस काम को क्यों छोड़ दिया गया। फेज-2 और फेज-3 में जो प्लानिंग की है वो प्रावधान क्या सरकार फेज-4 में रखने का काम करेगी। अगर हम फेज-2, फेज-3 की गाइडलाइन को फेज-4 में लागू करते तो गांवों में सड़कों से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
उन्होेंने अपने प्रश्न में कहा कि क्या सरकार 'प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना' की गाइडलाइन में बदलाव लाकर गांवों को मल्टीपल कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रावधान रखती है ?
इस पर केन्द्रीय मंत्री ने सांसद कस्वां के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि तीनों फेज में छूटे हुए सड़कों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। 25 हजार नई बसावटों को हम कनेक्टिविटी देने का कार्य करेंगे। सभी माननीय सांसदों के प्रस्तावों के आधार पर वरीयता से फेज-4 में नवीन सड़कों की स्वीकृति का प्रयास करेंगे।