30 दिन तक तपस्या में लीन हैं चंद्रेश्वर मंदिर गादीपति भारती, लगातार 30 दिन तक भूखे रहकर खड़े रहेंगे भगवान भारती

Edited By Afjal Khan, Updated: 24 Jul, 2024 03:49 PM

chandreshwar temple gadipati bharti is engaged in penance for 30 days

भगवान श्रीकृष्ण की नवीं राजधानी, ऐतिहासिक कृष्ण नगरी जैसलमेर स्थित साढ़े आठ सौ साल पुराने देव चंद्रेश्वर मंदिर के गादीपति भगवान भारती भगवान शिव को प्रसन्न करने और विश्व शांति के संकल्प के साथ सावन के इस पवित्र महीने में पूर्णिमा से 30 दिन तक खड़े...

जैसलमेर, 24 जुलाई 2024 । भगवान श्रीकृष्ण की नवीं राजधानी, ऐतिहासिक कृष्ण नगरी जैसलमेर स्थित साढ़े आठ सौ साल पुराने देव चंद्रेश्वर मंदिर के गादीपति भगवान भारती भगवान शिव को प्रसन्न करने और विश्व शांति के संकल्प के साथ सावन के इस पवित्र महीने में पूर्णिमा से 30 दिन तक खड़े रहकर प्रभु की आराधना कर रहे हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन प्रातः दस बजे गादीपति  भगवान भारती भक्ति और श्रद्धा की अनूठी मिशाल करते हुए भक्ति में लीन हो गए। 

भारती ने पिछले सावन के महीने में भी इक्कीस दिनों तक खड़े रहकर आराधना की थी। गादीपति की साधना की खबर से काफी संख्या में श्रद्धालु साधना स्थल पहुंचकर बाबा के दर्शन का लाभ ले रहे हैं। बता दें कि विगत वर्ष 2021 में गादीपति भगवान भारती हरिद्वार से कावड़ लेकर जैसलमेर पैदल आये थे तथा हाल ही में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वो अयोध्या की पैदल यात्रा करके आए थे। कठोर तपस्या के धुनि भगवान भारती ने इस बार सावन में कुछ संकल्प पूरे करने के उद्देश्य से 30 दिन तक खड़े रहकर साधना करने का निर्णय लिया है। 

 

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इस दौरान भारती महाराज मौन व्रत का प्लान भी कर रहे हैं और साथ ही साथ उन्होंने 30 दिन तक व्रत भी रखे हैं। हरिद्वार से पैदल आत-आते उनके पैर बुरी तरह घायल हो गए थे, मगर उनकी परमात्मा के प्रति ऐसी लगन है कि उन्होंने हरिद्वार जैसलमेर पैदल यात्रा अकेले तय की और कभी भी भगवान ने उनकी इस तपस्या को भंग नहीं होने दिया। इस 30 दिवसीय व्रत के लिए मंदिर से लगे एक स्थान पर एक विशेष झूला स्थापित किया गया है, जिसके सहारे वो 30 दिन तक खड़े रहेंगे और प्रभु शिव की साधना करेंगे। साथ ही इस झूले के साथ एक विशेष तरह का बेल्ट भी लगाया जिसको वे बांध लेते है, ताकि भगवान भरती जमीन पर न गिर पड़ें। 

दिन के समय भी लकड़ी का झूला बनाकर उस पर हाथ रखकर ठहर जाते हैं। युवा गादीपति का दृढ निश्चय उनका सभी संकल्पों में मददगार बना हैं। वह परमात्मा में विश्वास रखते हुए अपना तप जारी रखते है। उन्होंने बताया कि वे यह तपस्या विश्व शांति के लिए कर रहे हैं। 

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