Edited By Rahul yadav, Updated: 09 Nov, 2024 11:49 AM
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने टोंक देवली में विवादित बयान दिया है। रघु शर्मा ने कहा- 13 नवंबर को चुनाव है। 13 तारीख के बाद में राजस्थान में ये (बीजेपी सरकार) कत्लेआम करने वाले हैं। रघु शर्मा देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस...
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने टोंक देवली में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसके बाद बीजेपी ने उनकी शिकायत निर्वाचन आयोग में दर्ज कराई है। रघु शर्मा ने अपनी सभा में कहा कि 13 नवंबर को चुनाव के बाद राजस्थान में बीजेपी सरकार "कत्लेआम" करेगी। वे देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कस्तूर चंद मीणा के समर्थन में प्रचार करने आए थे।
रघु शर्मा ने कहा, "जब से बीजेपी की सरकार बनी है, वे कहते हैं कि ये जिले हम हटा देंगे। अगर नए जिले बनाते तो बात समझ में आती, लेकिन जो लकीर खींची जा चुकी है, उसे मिटाने का क्या मतलब?" उन्होंने बीजेपी सरकार पर विपक्षी नेताओं को साजिश के तहत फंसाने और सनातन धर्म के नाम पर जहर फैलाने का आरोप लगाया। उनका यह बयान बीजेपी के लिए आपत्ति का कारण बन गया, जिसके बाद पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने रघु शर्मा के बयान की आलोचना करते हुए इसे भड़काऊ और संविदानिक मूल्यों के खिलाफ बताया। वहीं, बीजेपी विधायक शत्रुघ्न गौतम ने रघु शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "यह उनका व्यक्तिगत बयान हो सकता है, लेकिन जब कोरोना महामारी के दौरान मंत्री थे, तब क्या वे कत्लेआम को रोकने में सक्षम थे? उस समय हजारों लोगों की जान गई, क्या वह कत्लेआम नहीं था?"
इसके अलावा, निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने देवली क्षेत्र में एक महिला कर्मचारी पर अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एक सरकारी महिला कर्मचारी ने उनके पोस्टर फाड़े थे, और इस पर उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया। नरेश मीणा ने यह भी कहा कि अब वह चुनाव में खड़े हैं, और उनके खिलाफ डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सांसद हरीश चंद्र मीणा समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
नरेश मीणा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने कहा कि इस तरह की भाषा उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। वहीं, नरेश मीणा के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने नरेश मीणा के निलंबन के आदेश जारी किए हैं। हालांकि, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा ने बताया कि इस फैसले के लिए उनके पास कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई थी, और यह निर्णय पार्टी हाईकमान का था।
कुल मिलाकर, इन घटनाओं ने राजस्थान के चुनावी माहौल को और अधिक गरमा दिया है, जहां राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।