Edited By Raunak Pareek, Updated: 14 Dec, 2024 04:59 PM
पिछले कुछ दिनों में जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर VVIP काफिलों में घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं, जो पुलिस प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं।
हाल के दिनों में राजस्थान में VVIP सुरक्षा में सेंध लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जयपुर सहित राज्य के कई हिस्सों में VVIP काफिलों में घुसपैठ की घटनाएं हो चुकी हैं, जो हमारी सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती हैं। ऐसी घटनाएं केवल VVIP की सुरक्षा पर सवाल नहीं उठातीं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ाती हैं। क्या हमारे सुरक्षा अधिकारी इन घटनाओं से सबक लेकर सुधार करेंगे, या ऐसी लापरवाहियां जारी रहेंगी? इन घटनाओं की गंभीरता को समझने के लिए आइए, पिछले तीन दिनों में हुई प्रमुख घटनाओं पर नजर डालते हैं, जिन्होंने पूरे पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया।
उप-मुख्यमंत्री बैरवा के काफिले में घुसा कैंटर
13 दिसंबर को राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के काफिले में शराब के नशे में धुत एक कैंटर ने सेंध लगा दी। यह कैंटर तेज रफ्तार से ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने इसे समय रहते रोक लिया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति के काफिले में घुसपैठ
12 दिसंबर को जयपुर के अक्षय पात्र चौराहे पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले में एक तेज रफ्तार कार घुस गई, जिसमें ASI सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई और चार अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके ठीक एक घंटे बाद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के काफिले में गैस सिलेंडर से भरा एक ट्रक घुस गया। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह पुलिस की सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
स्पीकर वासुदेव देवनानी के काफिले में घुसपैठ
इसी प्रकार, कुछ दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के काफिले में भी एक गाड़ी घुस आई थी। इस घटना में एक व्यक्ति ने काफिले के पास आकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया, जो सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी।
क्या हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है?
इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि VVIP सुरक्षा में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों के बावजूद, ऐसी घटनाएं सुरक्षा तंत्र की विफलता को दर्शाती हैं। अब सवाल यह है कि क्या पुलिस प्रशासन इन घटनाओं से सबक लेगा और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, या फिर यह सिलसिला जारी रहेगा?