Edited By Chandra Prakash, Updated: 29 Sep, 2024 02:29 PM
राजस्थान के झालावाड़ समेत कई जिलों में बेमौसम से भारी बारिश से खेतों में कटी हुई खरीफ की फसलें बर्बाद हो रही है । बर्बाद हुई फसलों को लेकर सूबे की भजनलाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया । भारी बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने फसल खराबे की...
झालावाड़, 29 सितंबर 2024 । राजस्थान के झालावाड़ समेत कई जिलों में बेमौसम से भारी बारिश से खेतों में कटी हुई खरीफ की फसलें बर्बाद हो रही है । बर्बाद हुई फसलों को लेकर सूबे की भजनलाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया । भारी बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने फसल खराबे की गिरदावरी कराने का ऐलान किया है । इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं । विभाग ने अतिवृष्टि वाले सभी इलाकों की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं । इससे किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद बंधी है । सीएम के निर्देश के बाद राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र जारी कर अपने-अपने जिलों में अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की आंकलन करने के आदेश दे दिए हैं ।
गौरतलब है कि राजस्थान में भारी बारिश से कई जिलों में जलभराव के कारण किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं । कई इलाकों में अभी भी खेतों में पानी भरा होने के कारण किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है । अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के बाद किसानों की समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों ने राज्य सरकार से गिरदावरी रिपोर्ट करने के लिए पत्र लिखे हैं । जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ ही मौसम विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, सहकारिता विभाग और नाबार्ड के अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर खरीफ की फसलों के खराबे का आंकलन कर किसानों को राहत पहुंचाने की जरुरत मानी गई है ।
खरीफ की फसलों की रिकॉर्ड बुवाई की गई है, कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस बार राजस्थान में खरीफ की फसलों की रिकॉर्ड बुवाई हुई है । राजस्थान में वर्ष 2024 में खरीफ फसल की बुवाई 15560 हजार हैक्टेयर पर की गई है । कृषि विभाग के अनुसार इस बार बाजरा 4250.33 हजार हैक्टेयर, मक्का- 962.40 हजार हैक्टेयर, स्पेशल मिलेट्स- 2.66 हजार हैक्टेयर और ज्वार की 642 हजार हैक्टेयर में बुवाई की गई है । इसके साथ दलहन और तिलहन का भी बड़े पैमाने पर बुवाई की गई है । हम बात करते है झालावाड़ जिले में विगत 2-3 दिनों से हो रही बारिश के बाद किसानों के हाल बेहाल है। क्षेत्र के कई गांवों में खेतों से कटी फसल खेत में ही रह गई। बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से कटी हुई फसलें सड़ने लगी है। लोगों की मांग के बाद विधायक ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर सर्वे की मांग भी की है।
दर्जनों गांवों के किसानों की फसल खराब
26 सितम्बर से शुरू हुए बारिश के दौर ने फसलों के लिए तबाही ला दी। किसान हलाकान है। क्षेत्र के कई गावों में खेतों में तबाही का मंजर है। किसान परेशान है। कट चुकी फसलें समेट कर खेतों से खलिहान में लाई जा रही थी। इसी बीच बारिश से खेतों में पानी घुस गया। ऐसे में फसलें अब खेतों में ही सड़ने लगी है।
एसडीएम के निर्देश पर टीम पहुंची खेतों में
इसी क्रम में उपखण्ड अधिकारी पिडावा दिनेश कुमार मीणा नेउपखण्ड क्षेत्र पिड़ावा के तहसीलदार तहसील पिडावा, रायपुर ,सुनेल एवं सहायक कृषि अधिकारी समस्त उपखण्ड क्षेत्र पिडावा को आदेश जारी किया गया । आदेश की पालना में शनिवार को उपखण्ड क्षेत्र पिडावा में विगत दिनो में हुई बेमौसम बारिश से हुए फसल खराबे का सर्वे करने क्षेत्र में अधीनस्थ पटवारी व कृषि पर्यवेक्षक आदि के द्वारा फसल खराबे का सर्वे शुरू कर दिया ।