भजन संध्या में प्रकाश माली के भजनों की लहर में डूबे श्रोता

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 17 Nov, 2024 04:47 PM

audience drowned in the waves of prakash mali s bhajans

झालावाड़।  राज्य स्तरीय श्री चन्द्रभागा (कार्तिक) मेले के दौरान जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में अंतिम दिन मेला मैदान में बालोतरा के प्रसिद्ध भजन सम्राट प्रकाश माली की भजन संध्या का...

झालावाड़।  राज्य स्तरीय श्री चन्द्रभागा (कार्तिक) मेले के दौरान जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में अंतिम दिन मेला मैदान में बालोतरा के प्रसिद्ध भजन सम्राट प्रकाश माली की भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें उनके द्वारा एक से बढ़कर एक भजन एवं देशभक्ति से सराबोर गीतों की प्रस्तुति दी गई। भजन संध्या का आरंभ प्रकाश माली द्वारा गणेश वंदना से किया गया। उन्होंने मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे गणेश मेरी सभा बीच में आ जाना से गणराज को निमंत्रण दिया। इसके बाद सद्गुरु चरणों में अपना निर्गुणी भजन ‘‘आज तो म्हारे सद्गुरु आया पावणा’’ समर्पित किया। उनके द्वारा सुनाए भजन मंगल भवन अमंगल हारी और रामायण की चौपाइयों पर सारा माहौल राममय हो गया। राम सिया राम सिया राम जय जय राम, मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे, नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो, तू ही माता तू ही पिता है और ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे तुम्हरे बिन हमरा कोई नही जैसे भजनों पर श्रोता भक्ति रस में डूबते नजर आए।PunjabKesariउनके गाए बाबा रामदेव के भजन पर सभी श्रोता नाचते दिखे। सरगम फिल्म के प्रसिद्ध गीत डफली वाले डफली बजा को आत्मा और परमात्मा से जोड़कर जब उन्होंने गाया तो निर्गुण  ब्रह्म सबके मन में साकार रूप में अवतरित होते दिख पड़े। राजस्थान की माटी का बखान करते हुए उन्होंने प्रसिद्ध रचना ‘‘इनरो कितना करूं में बखान कण कण में गूंजे जय जय राजस्थान’’ से शुरुआत करते हुए उन्होंने अपने भजनों के बीच चित्तौड़ महाराणा प्रताप और चेतक को याद किया। उन्होंने ‘‘ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े तुझ पर सवार है जो मेरा सुहाग है वह, रखियो रे आज उनकी लाज’’ जय चित्तौड़ फिल्म का गीत गाकर राणा प्रताप के घोड़े चेतक के बलिदान का बखान किया। अपने प्रसिद्ध गीत हल्दीघाटी में समर लड़ो वह चेतक रो असवार कठे मायड़ थारो वो पूत कठे वो एकलिंग दीवान कठे वो महाराणा प्रताप कठे गाकर देश प्रेम की ज्योत जला दी।PunjabKesariइस दौरान एक के बाद एक देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति होती रही और श्रोता भारत  माता की जय के नारे लगाते दिखे। उन्होंने सुनो गौर से दुनिया वालों सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी, सैनिकों को समर्पित गीत संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं, है प्रीत जहां की रीत सदा जैसे देशभक्ति गीतों की झड़ी लगा दी। कार्यक्रम के अंत में समापन करते हुए आज से अपना वादा रहा हम मिलेंगे हर एक मोड़ पर दिल की दुनिया बसाएंगे हम गम की दुनिया का घर छोड़ कर मरने जीने की किसको पड़ी प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी सुना कर सभी की आंखों को नम कर दिया। साथ ही सब लोगों द्वारा दिए गए अपार प्यार और स्नेह के लिए उन्होंने सभी का आभार भी प्रकट किया।

 

कार्यक्रम के आरंभ में अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वारा प्रकाश माली सहित उनके साथ आए संगीतकार जीत दवे, कैलाश, रोहित, कार्तिक, संदीप और प्रेम माली का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में ओम महावर ने अपनी शेरो-शायरी से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। अंत में जिला पर्यटन अधिकारी सिराज कुरैशी द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।
 

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