Edited By Raunak Pareek, Updated: 19 Jul, 2025 04:42 PM

अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह परिसर में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर दाखिल याचिका पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायिक बहिष्कार के चलते मामला टल गया। अब अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी.
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि दरगाह परिसर में एक प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जिसे ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। इस संबंध में विष्णु गुप्ता द्वारा सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर शनिवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन नगर निगम कर्मचारियों द्वारा न्यायिक कार्य का बहिष्कार किए जाने के चलते अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली तारीख 30 अगस्त तय की है।
दावे के समर्थन में दस्तावेज और तस्वीरें
याचिका में गुप्ता ने कुछ ऐतिहासिक नक्शों, पुरानी और नई तस्वीरों और अन्य दस्तावेजों को भी सबूत के तौर पर संलग्न किया है। उनका कहना है कि ये सभी सामग्री यह दर्शाती है कि दरगाह परिसर में कभी एक शिव मंदिर मौजूद था।
प्रशासन और पुलिस सतर्क
इस विवाद की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने अजमेर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। कोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने आमजन से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है।
क्या है अगला कदम?
यह मामला अब 30 अगस्त को फिर से अदालत के समक्ष रखा जाएगा। तब तय होगा कि आगे इस याचिका पर किस दिशा में सुनवाई बढ़ेगी। धार्मिक और राजनीतिक संगठनों की भी इस मुद्दे पर नजर बनी हुई है।