पतंगो के माध्यम से देश दुनिया मे भारत के कलचर को कर रहे हैं प्रदर्शित !

Edited By Rahul yadav, Updated: 09 Jan, 2025 02:24 PM

ajgar showcasing india s culture to the country and the world through kites

मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक है, और इस अवसर पर पतंगबाजी का खास उत्साह देखने को मिलता है। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने पतंग के जरिए न केवल भारत की संस्कृति को देशभर में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बनाया है। ये हैं...

मकर संक्रांति और पतंगबाजी: भारत की संस्कृति को दुनियाभर में ले जाने वाला शख्स

मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक है, और इस अवसर पर पतंगबाजी का खास उत्साह देखने को मिलता है। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने पतंग के जरिए न केवल भारत की संस्कृति को देशभर में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बनाया है। ये हैं जोधपुर के रहने वाले अजगर बेलिम, जो अपनी अनूठी कला और जुनून के चलते दुबई, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम सहित कई देशों में भारत की पहचान बन चुके हैं।

अजगर बेलिम का जुनून है भारत की सांस्कृतिक धरोहर को पतंगों के माध्यम से प्रदर्शित करना। 60 सालों से इस काम में जुटे अजगर बेलिम अब तक अनगिनत काइट फेस्टिवल्स में हिस्सा ले चुके हैं। इन फेस्टिवल्स में वे भारत की परंपरा, कला, और संस्कृति को पतंगों के जरिए दर्शाते हैं। उनकी इस अनोखी पहल की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।

कैसे शुरू हुआ सफर?

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    अजगर बेलिम बताते हैं कि अहमदाबाद में आयोजित एक काइट शो के दौरान, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने खुद इस शो में हिस्सा लिया। उस समय उन्होंने अजगर बेलिम को यह सुझाव दिया कि गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर को पतंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए। इस प्रेरणा के बाद अजगर बेलिम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने राजस्थान, गुजरात, और भारत के अन्य राज्यों की कला और संस्कृति को अपने पतंगों के माध्यम से दुनियाभर में पहुंचाने का बीड़ा उठाया।

    पतंग पर भारतीय संस्कृति का अनोखा प्रदर्शन

    अजगर बेलिम की पतंगें केवल रंग-बिरंगी नहीं होतीं, बल्कि इनमें भारत की परंपरा, ऐतिहासिक धरोहर, और कलात्मक विविधता को उकेरा जाता है। उनकी पतंगें भारत के त्योहारों, परंपराओं, और सांस्कृतिक प्रतीकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन पतंगों के जरिए वे न केवल भारतीय संस्कृति का प्रचार करते हैं, बल्कि विदेशी दर्शकों को भी भारत की खूबसूरती और सांस्कृतिक समृद्धि से परिचित कराते हैं।

    वैश्विक मंच पर भारत की पहचान

    अजगर बेलिम ने अपने हुनर और मेहनत से भारत को पतंगबाजी के वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी है। चाहे दुबई हो या अमेरिका, उनकी पतंगें भारत की संस्कृति का झंडा बुलंद करती हैं। उनका कहना है कि वे आगे भी इस काम को जारी रखेंगे और भारत की कला व संस्कृति को पतंगों के जरिए पूरी दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

    प्रेरणा का स्रोत

    अजगर बेलिम के लिए पतंगबाजी महज एक शौक नहीं है, बल्कि यह उनका जीवन का उद्देश्य है। उनका मानना है कि पतंगें केवल आसमान में उड़ने वाली चीजें नहीं हैं, बल्कि ये संस्कृतियों को जोड़ने और देश की धरोहर को प्रदर्शित करने का माध्यम भी हैं।

    इस मकर संक्रांति पर, जब आप पतंग उड़ाएं, तो उन पतंगों के जरिए भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाने वाले अजगर बेलिम जैसे लोगों की मेहनत को याद करना न भूलें।

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