Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 04 Jan, 2025 06:20 PM
राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। शुक्रवार को राजस्थान हाई कोर्ट में सरकार ने जानकारी दी कि इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा। सरकार ने...
राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। शुक्रवार को राजस्थान हाई कोर्ट में सरकार ने जानकारी दी कि इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा।
सरकार की पेश की गई रिपोर्ट
सरकार ने कोर्ट में प्रदेश के 33 जिलों में संचालित कोचिंग सेंटर्स की सूची पेश की। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्यों न राज्य में कानून बनने तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन लागू करवाई जाए? हाई कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
9 साल पहले दायर याचिका पर सुनवाई
कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या की घटनाओं पर करीब 9 साल पहले हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर याचिका दर्ज की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी। सरकार की ओर से बताया गया कि आत्महत्या रोकने के लिए एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। इस पर न्यायमित्र, अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने सुझाव दिया कि कानून बनने तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत कोचिंग सेंटर्स का पंजीयन कराया जाए।
कोचिंग सेंटर्स का पक्ष
कोचिंग सेंटर्स की ओर से अधिवक्ता आरएन माथुर ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बजाय प्रदेश का कानून ही लागू होना चाहिए। हालांकि उन्होंने कोचिंग सेंटर्स के पंजीयन पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
हाई कोर्ट का निर्देश
हाई कोर्ट ने सरकार को कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में सजा और जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन राज्य में कानून बनने में समय लग सकता है, ऐसे में गाइडलाइन को लागू करना बेहतर विकल्प हो सकता है। कोर्ट ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है।