चार पीढ़ियों से मुस्लिम परिवार बना रहा रावण का पुतला, डेढ़ महीने तक करता है सिर्फ शाकाहारी भोजन का सेवन

Edited By Chandra Prakash, Updated: 11 Oct, 2024 07:41 PM

a muslim family has been making the effigy of raavan for four generations

टाउन की श्री रामलीला समिति का दशहरा उत्सव शनिवार को बाइपास रोड स्थित दशहरा ग्राउंड में मनाया जाएगा। दशहरा उत्सव के दौरान रावण के 55 फीट लंबे व कुंभकरण-मेघनाथ के 50-50 फीट लंबे पुतलों का दहन किया जाएगा। रावण के पुतले में 1000 जबकि कुंभकरण-मेघनाथ के...

 

नुमानगढ़, 11 अक्टूबर 2024 :  टाउन की श्री रामलीला समिति का दशहरा उत्सव शनिवार को बाइपास रोड स्थित दशहरा ग्राउंड में मनाया जाएगा। दशहरा उत्सव के दौरान रावण के 55 फीट लंबे व कुंभकरण-मेघनाथ के 50-50 फीट लंबे पुतलों का दहन किया जाएगा। रावण के पुतले में 1000 जबकि कुंभकरण-मेघनाथ के पुतले में 700-700 पटाखे डाले जाएंगे। भव्य आतिशबाजी आकर्षण का केन्द्र होगी। पुतले बनाने का कार्य अंतिम चरण में है। इस बार पुतले बनाने का कार्य सहारनपुर के कारीगर शाहनवाज व उनके तीन साथियों की ओर से किया जा रहा है। मुस्लिम समाज से शाहनवाज का परिवार चार पीढिय़ों से पुतला बनाने का कार्य कर रहा है। शाहनवाज का कहना है कि रावण से उनकी कोई दुश्मनी नहीं फिर भी पुतला बनाया जाता है ताकि हिंदू इसका वध कर सके। पुतले बनाने में लगने वाले करीब डेढ़ महीने के दौरान शाहनवाज व उसके साथियों की ओर से सिर्फ शाकाहारी भोजन का सेवन किया जाता है। 

पुतला बनाने वाले कारीगर सहारनपुर निवासी शाहनवाज ने बताया कि वे पिछले दस साल से पुतला बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी तीन पीढिय़ों से यही काम किया जा रहा है। हनुमानगढ़ में इस बार अपने तीन साथियों के साथ पहली बार पुतला बनाने का कार्य किया जा रहा है। रावण का पुतला सबसे बड़ा, उससे छोटा कुंभकरण व सबसे छोटा मेघनाथ का पुतला बनाया गया है। श्री रामलीला समिति के डायरेक्टर प्रेमरत्न पारीक ने बताया कि समिति की ओर से 1961 से नगर परिषद के रामलीला रंगमंच पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम की लीला का मंचन किया जा रहा है। 

 

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दशहरा उत्सव 1964 से मनाना शुरू किया गया था। शुरुआत में अकेले रावण का पुतला स्थानीय कारीगर झाबर मिस्त्री की ओर से बनाया जाता था। उसके बाद से लगातार रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले बनाए जा रहे हैं। विशाल आतिशबाजी होती है। श्री रामलीला स्थानीय कलाकारों की ओर से श्रद्धाभाव-निष्ठा व मर्यादा से खेली जाती है। रामलीला स्टेज की पवित्रता भी है। लोग मन्नोतियां मांगते हैं जो पूरी भी होती हैं। हनुमान जी की झांकी पर आठ-दस सवामणि भी चढ़ती है। उन्होंने बताया कि दशहरा उत्सव को लेकर बाइपास स्थित दशहरा ग्राउंड में अच्छी व्यवस्था की जा रही है। महिलाओं एवं पुरुषों के बैठने के लिए दो हजार कुर्सियां लगाई जा रही हैं। सौ ग्राम के चांदी के सिक्के की लॉटरी के लिए बनाए गए कूपन के साथ लॉटरी का टोकन बनाया गया है। इसके साथ ही दशहरा पास भी बनाया गया है। उसके लिए अलग से सीट दी जाएगी। चार जगह थड़ी लगाकर पानी की माकूल व्यवस्था की जाएगी। पुलिस जाप्ता मौके पर सुरक्षा में तैनात रहेगा। महावीर दल, अमरनाथ सेवा समिति, भारत क्लब के स्वयंसेवक सेवाएं देंगे। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे जेवरात पहनकर न आएं।

चारों तरफ घूमेगा रावण का पुतला
समिति सचिव प्रहलाद गुप्ता ने बताया कि दशहरा उत्सव शाम चार बजे शुरू होगा। सहारनपुर से आए कारीगरों की ओर से पुतलों का निर्माण किया जा रहा है। दशहरा उत्सव में रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के विशाल पुतलों का दहन होगा। भव्य आतिशबाजी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। उन्होंने बताया कि पुतले बनाने का कार्य कर रहे कारीगर मुस्लिम समुदाय से हैं लेकिन उनकी सर्वसमाज में श्रद्धा है। रावण का पुतला चारों तरफ घूमने वाला बनाया जा रहा है जो आकर्षण का केन्द्र रहेगा। रावण का पुतला 55 फीट, कुंभकरण-मेघनाथ के पुतले 50-50 फीट के होंगे। रावण के पुतले में 1000 जबकि कुंभकरण-मेघनाथ के पुतले में 700-700 पटाखे डाले जाएंगे। आतिशबाजी अलग से होगी।

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