Edited By Afjal Khan, Updated: 22 Jul, 2024 05:25 PM
बाड़मेर की जनता परेशान, हैरान और लाचार हैं। सरकारें बदल गई, जनप्रतिनिधि बदल गए, लेकिन हालत जस की तस हैं। दरअसल बाड़मेर में विकास कार्यों के लिए बीती सरकार के समय जो शुरुआत हुई वो शुरुआत ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
बाड़मेर, 22 जुलाई 2024 । बाड़मेर की जनता परेशान, हैरान और लाचार हैं। सरकारें बदल गई, जनप्रतिनिधि बदल गए, लेकिन हालत जस की तस हैं। दरअसल बाड़मेर में विकास कार्यों के लिए बीती सरकार के समय जो शुरुआत हुई वो शुरुआत ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
दरअसल, बाड़मेर के चौहटन सर्किल पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद भी लंबे समय से ब्रिज को खोला नहीं गया है। लोगों की माने तो पहले 3 साल कोरोना ने और उसके बाद के 3 साल इस ओवर ब्रिज ने उनको खूब परेशान किया। हालत यह है, कि ग्राहकों के यहां तक पहुंचने का रास्ता बंद है और इसी कारण कई दुकानें तो बंद भी हो चुकी है।
नियमों के अनुसार, निर्माण कार्य शुरू करने के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए और अस्थाई डायवरर्जन के लिए सड़क तैयार करनी होती है। लेकिन ठेकेदार की मनमानी के चलते डायवर्जन के लिए रास्ते नहीं बनाए गए, जिसके चलते लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । करीब दो महीने पहले चुनाव के वक्त राजनीतिक दबाव के चलते ठेकेदार ने आनन- फानन में रेलवे लाइन के नीचे अंडरपास तो बना दिया, लेकिन सीवरेज लाइनों को खुला ही छोड़ दिया गया। जिसके चलते नालियों का गंदा पानी अंडरपास में जमा हो जाता है और अंडरपास तालाब बन जाता है। यह अंडरपास शहर वासियों के लिए किसी काम का नहीं रहता । वहीं निर्माण कार्य के चलते सार्वजनिक श्मशान घाट जाने का रास्ता तक ब्लॉक हो चुका है।
वहीं गडरा रोड ओवर ब्रिज को ठेकेदार को दो माह की सीमा में रेलवे फाटक के ऊपर पुल के रूप में निर्माण कर रेलवे फाटक को आवागमन के लिए खोलना था। फिलहाल 9 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक ठेकेदार न तो कोई काम कर सका है और ना ही रेलवे फाटक खुल सका है। जिसके चलते रामसर गडरा रोड जाने वाले ट्रैफिक को करीब 20 किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। इन समस्याओं को लेकर शहर वासी एवं आसपास के दुकानदार कई बार जिला कलेक्टर और नेताओं को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन समस्या जैसी की तैसी बनी हुई है। अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद बाड़मेर शहर के हालात कब सुधरते है ?