Edited By Chandra Prakash, Updated: 11 Sep, 2024 08:50 PM
अनुसूचित जाति, जनजाति वंचित आरक्षण आरक्षण संघर्ष समिति चित्तौड़गढ़ ने 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट द्वारा के निर्णय का स्वागत एवं अभिनंदन करने को लेकर बुधवार को एक महारैली का आयोजन किया गया। रैली में भील, गरासिया, वाल्मीकि, धोबी, ढोली, कंजर, नायक...
चित्तौड़गढ़, 11 सितंबर 2024 । अनुसूचित जाति, जनजाति वंचित आरक्षण आरक्षण संघर्ष समिति चित्तौड़गढ़ ने 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट द्वारा के निर्णय का स्वागत एवं अभिनंदन करने को लेकर बुधवार को एक महारैली का आयोजन किया गया। रैली में भील, गरासिया, वाल्मीकि, धोबी, ढोली, कंजर, नायक सहित कईं वंचित समाजों के लोगों ने प्रातः बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एक रैली के रूप में रवाना हुए जो सुभाष चौक होते हुए कलेक्ट्री चौराहा पहुँचे। महारैली के पैदल मार्च के बाद एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर पंजाब सरकार के मामले में दिए गए निर्णय के अनुसार राजस्थान में भी अनुसूचित जाति और जनजाति की वंचित जातियों को आरक्षण में कोटा देकर उनके साथ सामाजिक न्याय करने की मांग की गई।
जिला संयोजक संयोजक राजेश लोट व गोपाल भील आकोदिया ने बताया कि गत 1 सितंबर से ही वंचित समाज की बस्तियों में घर-घर सम्पर्क कर इस निर्णय के स्वागत के लिए कईं सभाओं के माध्यम से लोगों को जानकारी दी गई। आरक्षण में वर्गीकरण से इन वंचित जातियों की शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास को प्राप्त करने का सुनहरे अवसर से अवगत कराया। सबको मिलकर मिलकर राज्य सरकार को धन्यवाद पत्र एवं निर्णय को अति शीघ्र लागू कर वंचित जातियों को लाभ दिलाने की बात कही। जिससे आगामी पीढ़ी इस केंद्रीय व राज्य सेवाओं में आगे बढ़कर भाग ले सके और इन बच्चों इन वर्गों का सर्वांगीण विकास हो सके। न्यायालय के निर्णय से इस वर्ग में खुशी की लहर के साथ-साथ एक आशा की किरण व्याप्त हो गई कि राज्य सरकार भी जो है इस निर्णय को शीघ्र लागू करायेगी और यही रैली के आयोजन का उद्देश्य रहा।
रैली में संघर्ष समिति के निर्मल देसाई, रणजीत लोठ, दिलीप बेनीवाल, राजेश लोठ, विजय चौहान, अरूण कंडारा, विश्वनाथ टांक, गोपाल भील आकोदिया, रविकान्त राय, सत्यनारायण धोबी, घनश्याम गंधर्व, अजय रजक, ललित भांड, सुरेश देशबन्धु, अर्जुन ढोली, राजेश मोची, कौशल बैरवा, गोपेश कोदली, शिव कोदली, घनश्याम लोठ, महेन्द्र छापरवाल, राकेश घारू, सुरेन्द्र बोर्डे, राजु छापरवाल, भूपेन्द्र जेदिया, राजन मल्होत्रा, विजय नकवाल, विनोद देसाई, विजय कल्याण, रूपेश कंजर, मगन कालबेलिया, भंवर कालबेलिया, गिरिराज गंधर्व, विनोद भांड, देवराज रजक, राहुल रजक, सुनील भील, बाबूलाल भील, नारायण, प्यार चंद, मुकेश भील, चंदा देवी, नारायणी देवी, गणपत खटीक, नट समाज से कोमल नट, नंदराम नट, राजकुमार नट सहित सभी वंचित जातियों के युवा, महिला शक्ति, गणमान्यजन सम्मिलित थे।