आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में पहली बार हुआ 10 वर्षीय मरीज का सफल बोनमैरो ट्रांसप्लांट

Edited By Chandra Prakash, Updated: 26 Sep, 2024 09:00 PM

a 10 year old patient underwent a successful bone marrow transplant

शिशु कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. आयुषी श्रीवास्तव ने बताया कि हरियाणा निवासी 10 साल का यह बच्चा हॉजकिन्स लिंफोमा कैंसर से पीड़ित था, इस बीमारी का बोनमैरो प्रत्यारोपण ही स्थाई इलाज है। यह प्रक्रिया पहले के उपचारों के असफल होने के बाद बच्चे के लिए...

बीकानेर, 26 सितंबर 2024 । सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर से सम्बद्ध आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में पहली बार पीडियाट्रिक हॉजकिन्स लिंफोमा के बोन मैरो का सफल ट्रांसप्लांट किया गया। विशेषज्ञों का दावा है कि पेशेंट अब बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। 

शिशु कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. आयुषी श्रीवास्तव ने बताया कि हरियाणा निवासी 10 साल का यह बच्चा हॉजकिन्स लिंफोमा कैंसर से पीड़ित था, इस बीमारी का बोनमैरो प्रत्यारोपण ही स्थाई इलाज है। यह प्रक्रिया पहले के उपचारों के असफल होने के बाद बच्चे के लिए महत्वपूर्ण थी। पिछले कुछ वर्षों से पीबीएम के कैंसर अस्पताल में बोनमैरो प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू की गई थी, अब तक इस अस्पताल में वयस्क मरीजों को बोनमैरो प्रत्यारोपण हुआ है, लेकिन अभी तक इस अस्पताल में बच्चों का बोनमैरो प्रत्यारोपण नहीं हुआ था। 

 

PunjabKesari

 

आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बीकानेर की निदेशक एवं विभाग अध्यक्ष डॉ. नीति शर्मा, प्रोफेसर एंड हेड मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. सुरेंद्र बेनीवाल, सहायक आचार्य डॉ. पंकज टांटिया और डॉ आयुषी श्रीवास्तव की टीम ने मिलकर पहले कीमो थैरेपी से 10 वर्षीय मरीज के कैंसर सेल नष्ट किए। फिर उसी का बोन मैरो लेकर उसके शरीर में ट्रांसप्लांट कर सफल उपचार किया। मरीज को 30 दिन आइसोलेशन में रखा गया। ठीक होने पर उसे छुट्टी दे दी गई। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ अस्पताल ने अपने विशेषज्ञता और सुविधाओं को और बढ़ाया है, जिससे क्षेत्र के बच्चों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी। 

एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि अस्पताल की पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी में बढ़ती क्षमताओं को दर्शाती है। यह न केवल अस्पताल के लिए, बल्कि ऐसे ही मामलों में बेहतर परिणामों की उम्मीद के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मल्टीडिसिप्लिनरी टीम ने ट्रांसप्लांट की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ट्रांस्फ्यूशन मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. नवरंगलाल महावार एवं अरुण भारती ने बताया कि आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बच्चे के स्टेम सेल इकट्ठा किए गए। इस सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. कीवी व्यास, ट्रांस्फ्यूशन मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. प्रेम परिहार, रेडिएशन फिजिसिस्ट डॉ. अथि, नर्सिंग स्टाफ राजकुमार, शंकरलाल, रजत, मनोज, राहुल, विकास एवं संदीप सभी टीम सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!