महाराष्ट्र विधानभवन में आयोजित 84वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में शामिल हुए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी

Edited By Afjal Khan, Updated: 28 Jan, 2024 01:25 PM

84th presiding officers conference held in maharashtra vidhan bhavan

मुंबई के महाराष्ट्र विधानभवन में चल रहे 84 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के पहले दिन आयोजित सत्र में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी शामिल हुए । इस दौरान सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, महाराष्ट्र के...

जयपुर । मुंबई के महाराष्ट्र विधानभवन में चल रहे 84 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के पहले दिन आयोजित सत्र में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव  देवनानी शामिल हुए । इस दौरान सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहे । वहीं सम्मेलन को संबोधित करते हुए वासुदेव  देवनानी ने कहा कि सदन की घटती बैठकों के कारण सदन में सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा नहीं हो पाती है । अतः संविधान की भावना के अनुसार कार्यपालिका के विधायिका के प्रति उत्तरदायी होने के सिद्धांत को लागू करने के लिए हमें सदन की बैठक की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता है । समितियों का गठन दलीय आधार पर ना करके सदस्यों की योग्यता, रुचि और विशिष्ट अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए किया जाए।

समितियो की रिपोर्ट पर सदन में होगी चर्चा 
वहीं देवनानी ने कहा कि विधानसभा की समितियां महत्वपूर्ण होती है । जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होकर रिपोर्ट तैयार होती है । यह रिपोर्ट कार्य प्रणाली को नई दिशा दे सकती है । इसलिए राजस्थान विधानसभा में समितियों की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा कराई जाएगी।

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समितियों के कार्यों की होगी मॉनिटरिंग
देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में समितियों को सक्रिय किया जा रहा है। इसके लिए समितियों के कार्यों की मॉनिटरिंग करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी समय-समय पर समितियों के कार्यों की समीक्षा करेगी ताकि समितियों के कार्यों की गुणवत्ता बढ़ सके।

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समितियों का कार्य समयबद्ध होगा
देवनानी ने कहा कि विधानसभा की समितियो के कार्यों को समयबद्ध किया जाएगा, इससे समितियो की रिपोर्ट तय समय पर आएगी । वासुदेव देवनानी ने राजस्थान विधानसभा द्वारा आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देश के सभी सदनों में नवीन सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए ऐसे आयोजन किए जाने चाहिए । वहीं वासुदेव  देवनानी ने इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सहित सभी प्रदेशों के विधानसभा अध्यक्षों से भी मुलाकात की।

राजस्थान विधानसभा ऑनलाइन प्रश्न प्रणाली शुरू करने वाली पहली विधानसभा है । ऑनलाइन उत्तर सूचना प्रणाली (OASYS) शुरू करने में भी राजस्थान ने ही पहल की हैं।  विधानसभा कार्यवाही सूचना प्रणाली में 1952 से चली आ रही बहसें शामिल हैं ।  प्रेस क्लिपिंग प्रबंधन प्रणाली भी है । कौन क्या है : 'हमारे विधायक' प्रणाली जो पहली विधानसभा के बाद से सभी निर्वाचित सदस्यों की पूरी जानकारी प्रदान करती है । सदस्यों की पेंशन सूचना प्रणाली, दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली और समिति की बैठकें सूचना प्रणाली, शासन वक्ता सूचना प्रणाली, ई-लाइब्रेरी, स्पीकर का डैशबोर्ड और प्रकाशन सूचना प्रणाली जो  वेबसाइट पर उपलब्ध है । राजस्थान विधानसभा 80 प्रतिशत पेपरलेस विधानसभा है और इनहाउस नवीनतम उपकरण भी स्थापित करने जा रहे हैं ।  राजस्थान विधानसभा में विधायकों को लैपटॉप और प्रिंटर उपलब्ध हैं ।  असेंबली में आई-पैड भी उपलब्ध कराया गया है ।

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