Edited By Rahul yadav, Updated: 28 Jan, 2025 02:50 PM
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा के दूसरे दिन आज प्रस्तावों पर चर्चा जारी रही, लेकिन बैठक में पार्षदों की उपस्थिति बेहद कम रही। 150 सदस्यों वाले सदन में महापौर सहित केवल 81 पार्षद ही मौजूद रहे। उप महापौर पुनीत कर्णावट समेत कई समितियों के चेयरमैन...
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा: वर्किंग कमेटियों को भंग करने पर चर्चा, पार्षदों की कम उपस्थिति
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा के दूसरे दिन आज प्रस्तावों पर चर्चा जारी रही, लेकिन बैठक में पार्षदों की उपस्थिति बेहद कम रही। 150 सदस्यों वाले सदन में महापौर सहित केवल 81 पार्षद ही मौजूद रहे। उप महापौर पुनीत कर्णावट समेत कई समितियों के चेयरमैन अनुपस्थित रहे। कांग्रेस के 20 और भाजपा के 50 पार्षद ही बैठक में पहुंचे।
मुख्य एजेंडा: वर्किंग कमेटियों को भंग करना
साधारण सभा के आज के एजेंडे में मुख्य चर्चा वर्किंग कमेटियों को भंग करने पर केंद्रित रही। महापौर द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव का उद्देश्य सरकार और संगठन पर दबाव बनाना है। हालांकि, भाजपा का एक धड़ा इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा है और अपनी असहमति संगठन तक पहुंचा चुका है। इसके बावजूद यह प्रस्ताव बैठक में शामिल किया गया।
समितियों का गठन और विवाद
साल 2021 में नगर निगम में नया बोर्ड बनने के बाद महापौर ने 21 संचालन समितियों और 7 अतिरिक्त समितियों का गठन किया था। अब इन्हीं समितियों को भंग करने का प्रस्ताव साधारण सभा के एजेंडे में लाया गया है।
पार्षदों की उपस्थिति रही कम
बैठक में तय समयानुसार 12:30 बजे शुरू होने के बजाय 1:00 बजे कार्यवाही शुरू हुई। इसके अलावा, उप महापौर पुनीत कर्णावट और कई प्रमुख समिति चेयरमैनों ने बैठक से दूरी बनाई। चेयरमैन सुखप्रीत बंसल, रश्मि सैनी, राखी राठौड़, विनोद चौधरी, शील धाभाई, मीनाक्षी शर्मा, दुर्गेश नंदनी, अरुण शर्मा, अभय पुरोहित, जितेंद्र श्रीमाली जैसे कई चेयरमैन अनुपस्थित रहे। वहीं, चेयरमैन भारती लख्यानी भी बीच में बैठक छोड़कर चली गईं।
पिछले दिन का हंगामा
27 जनवरी को साधारण सभा के पहले दिन नगर निगम ग्रेटर के बाहर सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने गेट पर कचरा और कीचड़ फेंका और तोड़फोड़ की। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा था, जिसके चलते सभा को स्थगित करना पड़ा था।
आगे की राह
वर्किंग कमेटियों को भंग करने का प्रस्ताव सरकार और संगठन के बीच प्रेशर पॉलिटिक्स का संकेत देता है। हालांकि, बैठक में कम उपस्थिति और लगातार हंगामों से नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि साधारण सभा में पारित किए गए प्रस्तावों का आगे क्या असर होता है।