Edited By Chandra Prakash, Updated: 11 Dec, 2024 08:12 PM

आरपीएससी द्वारा वरिष्ठ अध्यापकों के 2129 पदों की भर्ती स्वीकृत की गई है, जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में 25 हजार 372 पद वरिष्ठ अध्यापकों के रिक्त पड़े हुए है । जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि " एक तरफ...
जयपुर, 11 दिसंबर 2024 । बुधवार को आरपीएससी द्वारा वरिष्ठ अध्यापकों के 2129 पदों की भर्ती स्वीकृत की गई है, जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में 25 हजार 372 पद वरिष्ठ अध्यापकों के रिक्त पड़े हुए है । जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि " एक तरफ राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की ढींगे हाक रही है, वहीं दूसरी तरफ जरूरत अनुसार रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर वैकेंसी नहीं निकाल रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार और प्रशासन शिक्षा व्यवस्था बनाने की बजाए गरीब अभिभावकों मजाक उड़ा रहे है। पहले ही सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को लेकर सरकार की तबादला नीति स्पष्ट नहीं है, जिसकी वजह से भी अभिभावकों को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है और दूसरी तरफ अध्यापकों कमी कर गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।
मात्र 2129 पदों पर वैकेंसी की स्वीकृति ऊंट के मुंह में जीरा डालने के समान- बिट्टू
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि "जरूरत के अनुसार वरिष्ठ अध्यापकों को वैकेंसी निकालने की बजाय राज्य सरकार और प्रशासन ने मात्र 2129 पदों पर वैकेंसी की स्वीकृति दी है, जो पूरी तरह से " ऊंट के मुंह में जीरा डालने के सामान है। " राज्य सरकार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं को लेकर नीति स्पष्ट करनी चाहिए, चूंकि सरकार की नियत में खोट है इसलिए दावे तो बड़े करती है, किंतु हकीकत में धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता है। जिसके चलते प्रदेश के 1 करोड़ अभिभावकों के सपने टूट रहे है और 2 करोड़ से अधिक छात्रों का भी भविष्य खराब हो रहा है।