Edited By Afjal Khan, Updated: 01 Oct, 2023 05:58 PM
अभी कुछ दिनों पहले यानी 18 सितंबर को ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुड्रो ने संसद से भारत पर उनके देश में हुए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था. इस आरोप के कारण दोनों देशों के बीच के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे.
अभी कुछ दिनों पहले यानी 18 सितंबर को ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुड्रो ने संसद से भारत पर उनके देश में हुए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था. इस आरोप के कारण दोनों देशों के बीच के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे. लेकिन भारत की तरफ से इस पूरे मामले पर इतना सख्त रवैया अपनाया गया कि अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुड्रो नरम पड़ते दिख रहे हैं. हाल ही में कनाडा के राष्ट्रपति ट्रूडो ने कहा कि कनाडा भारत के साथ अपने 'घनिष्ठ संबंध' बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है.
मॉन्ट्रियल में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत को लेकर कहा, 'जून में ब्रिटिश कोलंबिया में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने के "विश्वसनीय आरोपों" के बाद भी, कनाडा भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्रूडो आगे कहते हैं, 'मुझे लगता है ये बहुत जरूरी है कि कनाडा और उसके सहयोगी विश्व मंच पर भारत के बढ़ते महत्व को देखते हुए उसके साथ "रचनात्मक और गंभीरता से" जुड़ते रहें.
ट्रूडो ने कहा- भारत बढ़ती आर्थिक ताकत
इसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रूडो कहते हैं, 'भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक ताकत है और जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं. वहीं जाहिर तौर पर, कानून के शासन वाले देश के रूप में, हमें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे कनाडा के साथ काम करने की जरूरत है कि ताकि इस मामले के पूरे तथ्य मिलें.'
आखिर क्यों पड़ा कनाडा का रुख नरम, 3 कारण
1. अमेरिका से मिला झटका
निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाए जाने के बाद से ही भारत ने कनाडा पर पलटवार करना शुरू कर दिया था. भारत और कनाडा दोनों देशों ने ही अपने-अपने देशों से एक दूसरे के उच्चायुक्तों को भी निकाल दिया है.
इतना ही नहीं पीएम ट्रूडो अलग-अलग मंचों पर भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी भी कर रहे हैं. इन्हीं तनावों के बीच भारत के विदेश मंत्री यूएनजीए की बैठक में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे और वहां उनकी मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से हुई. कनाडा को उम्मीद थी कि इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाएंगे. लेकिन भारत और अमेरिकी विदेश मंत्री की मुलाकात को लेकर अमेरिका का तरफ से जो भी जारी किए गए, उसमें निज्जर और कनाडा का जिक्र ही नहीं किया गया.
2. भारत सहयोग के लिए तैयार, कनाडा के पास सबूत नहीं
भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाए हुए 10 दिन से भी ज्यादा का समय हो गया है. इस बीच कनाडा ने कई बार दावा भी किया कि उनके पास पुख्ता सबूत है. लेकिन ये सबूत केवल दावों और आरोपों में ही सिमटकर रह गए हैं. ट्रूडो की तरफ से अब तक एक भी पुख्ता सबूत पेश नहीं किया जाना भारत का पक्ष और मजबूत कर रहा है.
न्यूयॉर्क में डिस्कशन एट काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा की तरफ से लगाए गए आरोप पर कहा, "हमने कनाडाई लोगों से कहा कि ऐसा करना हमारे देश की नीति नहीं है. अगर कनाडा के पास इस तरह के आरोप लगाने का कोई सबूत है तो उसे पेश करे. कनाडा ने अब तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है.
विदेश मंत्री इसी मंच पर कनाडा में रह रहे भारतीय राजनयिकों को मिल रही धमकियों और भारतीय वाणिज्य दूतावासों पर हमलों की घटनाओं पर चिंता भी जताई. विदेश मंत्री कहते हैं, "कनाडा में हमारे राजनयिकों को धमकाया जाना पूरी तरह गलत है, हमारे वाणिज्य दूतावासों पर हमला किया गया है, क्या इस देश में लोकतंत्र ऐसे ही काम करता है. अगर मुझे कोई कुछ तथ्यपूर्ण जानकारी देता है, तो इसे कनाडा तक सीमित रखने की आवश्यकता नहीं है. मैं उस पर गौर करूंगा."
3. भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
इस पूरे मामले में फिलहाल कनाडा दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है. कनाडा के प्रधानमंत्री भले ही सभी सार्वजनिक मंच पर हरदीप सिंह निज्जर को अपने देश का नागरिक बता रहे हैं. लेकिन 18 सितंबर, यानी जब से भारत पर ये आरोप लगा है और कनाडा ने राजदूत वापस भेजे तब से ही भारत ने भी जमकर पलटवार किया है.
भारत ने कनाडा के झूठे आरोप का विरोध करते हुए 19 सितंबर को ही इस देश के एक वरिष्ठ राजदूत को वापस भेज दिया. जिससे कनाडा और अन्य देशों के बीच ये साफ संदेश पहुंच गया कि भारत इस तरह के झूठे आरोप को बर्दाश्त नहीं करेगा.
इसके बाद भारत ने कनाडा के नागरिकों को वीजा तक दिए जाने पर रोक लगा दिया और खालिस्तानी आतंकियों की एक लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाले उन लोगों के नाम थे, जो पिछले कुछ सालों में कनाडा फरार हो गए हैं. इस लिस्ट के जारी किए जाने पर पूरी दुनिया को पता चला की कनाडा आतंकियों को पनाह दे रहा है. जिससे दुनिया भर में कनाडा की छवि पर असर पड़ सकता है.
बता दें कि भारत ही नहीं, कनाडा के पड़ोसी देश भी उनपर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगा चुके हैं. भारत से पहले श्रीलंका और बांग्लादेश भी कनाडा पर झूठ फैलाने और आतंकियों को पनाह देने के गंभीर आरोप लगा चुके हैं.
भारत की कूटनीतिक चाल में घिरा कनाडा
इन कूटनीतिक चालों में भारत ने कनाडा को इतनी बुरी तरह घेरा कि आखिरकार इस देश को अपना रुख नरम करना शुरू कर दिया है. कनाडा जिस खालिस्तानी आतंकी को अपने देश का नागरिक बताकर, भारत पर उसकी हत्या करवाने का आरोप लगा रहा था. अब उसी मुद्दे से वह खुद पीछे हट गया है.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का क्या है मामला
18 जून को कनाडा के एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के तीन महीने बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान में कहा कि इस हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का दावा है कि भारतीय एजेंट्स ने उनके देश के एक नागरिक की हत्या की है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को देश छोड़कर जाने को कह दिया. भारत ने भी जवाब में कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दे दिया है.
अब दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव ने भारत-कनाडा के साथ साथ दुनिया के अन्य नेताओं को भी चिंता में डाल दिया. दोनों देशों के बीच रिश्ते हाल के वर्षों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.