डीग जिले में जानलेवा बीमारी डिप्थीरिया ने पसारा पैर,एक बालिका सहित 8 बच्चों की डिप्थीरिया बीमारी से मौत

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 15 Oct, 2024 01:53 PM

the deadly disease diphtheria has spread in deeg district

डीग । जिले के गांवों में बच्चों में डिप्थीरिया बीमारी फैलने से एक बालिका सहित आठ बच्चों की मौत हो जाने से चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया और डब्ल्यूएचओ और चिकित्सा विभाग जयपुर की टीम ने जिन गांवों में डिप्थीरिया बीमारी से ग्रसित बच्चों की हुई मौत को...

डीग । जिले के गांवों में बच्चों में डिप्थीरिया बीमारी फैलने से एक बालिका सहित आठ बच्चों की मौत हो जाने से चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया और डब्ल्यूएचओ और चिकित्सा विभाग जयपुर की टीम ने जिन गांवों में डिप्थीरिया बीमारी से ग्रसित बच्चों की हुई मौत को लेकर गांवों में पहुंचकर के बच्चों में टीकाकरण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है और बीमारी से संदिग्ध बच्चों का सैंपलिंग का कार्य भी शुरू कर दिया गया है | इस बीमारी से डीग जिले के कामां निवासी सात वर्षीय सुमित पुत्र बनवारी लाल,5 वर्षीय अकरीन पुत्राशु,नगर निवासी 6 वर्षीय सुमित पुत्र बाबू,3 वर्षीय मोनिष पुत्र शरीफ,पहाड़ी निवासी 6 वर्षीय आशिफ़ा पुत्री आस मोहम्मद के अलावा नगर क्षेत्र के गांव दुन्दावल निवासी शेजान पुत्र वारिश खान की डिप्थीरिया बीमारी से मौत हो गई एवं एक अन्य बच्चे की भी इस बीमारी से मौत हो जाने की खबर है | वहीं गांव दुन्दावल निवासी शेजान की डिप्थीरिया बीमारी से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई वही इसी का बड़ा भाई फैजान डिप्थीरिया बीमारी से ग्रसित हो जाने पर जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती है जहां उसका उपचार चल रहा हैPunjabKesariडब्ल्यूएचओ की टीम ने गांव दुन्दावल में पहुंचकर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एवं घर-घर जाकर के टीकाकरण का कार्य तेजी के साथ शुरू कर दिया है एवं इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की सैम्पलिंग का कार्य भी शुरू कर दिया है,डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय कोर्डिनेटर सुनील यादव ने बताया की जीरो से 16 वर्ष तक के बच्चों में डिप्थीरिया बीमारी होती है, इसमें बच्चों के गले में सूजन, बुखार, खांसी हो जाती है और ये विकराल रूप धारण कर लेती है, इस रोग से बचाव के लिए हर महीने गांव-गांव में घर-घर जाकर के टीकाकरण किया जाता है लेकिन कुछ लोग अपने बच्चों को टीका नहीं लगवाते है उनके डिप्थीरिया बीमारी हुई है और उनकी मौत हो गई है मेवात क्षेत्र के लोग अशिक्षित होने के कारण जागरूकता नहीं होने पर वे लोग अपने बच्चों में टीकाकरण नहीं करवाते है और आज भी ऐसा ही हुआ जहां डब्ल्यूएचओ की टीम गांव दुन्दावल में एक सरकारी स्कूल में बच्चों के टीका लगाने के लिए गई थी कि इसकी भनक बच्चों को लगते ही बच्चे अपनी क्लास छोड़कर भाग गए और कुछ ही बच्चों को टीका लगाया जा सका।

इधर जयपुर की चिकित्सा विभाग की टीम ने डीग पहुंचकर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व चिकित्सकों के साथ में आज विशेष मीटिंग कर डिप्थीरिया बीमारी से ग्रसित हुए बच्चों की मौत की जानकारी ली और गांव गांव जाकर के टीकाकरण कराने पर जोर दिया ताकि बच्चों में इस बीमारी से बचाया जा सके।
 

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