"RPSC के पुनर्गठन की मांग: सचिन पायलट ने सरकार और आयोग पर साधा निशाना"

Edited By Liza Chandel, Updated: 12 Feb, 2025 03:55 PM

sachin pilot targets government and commission for restructuring of rpsc

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब टोंक विधायक और पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि RPSC का पुनर्गठन आवश्यक है, क्योंकि इसकी चयन प्रक्रिया, पारदर्शिता और...

सचिन पायलट का बड़ा बयान: RPSC के पुनर्गठन की उठी मांग

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब टोंक विधायक और पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि RPSC का पुनर्गठन आवश्यक है, क्योंकि इसकी चयन प्रक्रिया, पारदर्शिता और जवाबदेही पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है। जयपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग विवाद, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP), दिल्ली चुनाव सहित कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी पर पायलट का तंज

राजस्थान में SI भर्ती 2021 के पेपर लीक मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने RPSC पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा – "क्या RPSC मर चुकी है?" अदालत की इस सख्त टिप्पणी ने पूरे राज्य में चर्चा को जन्म दे दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि जब अदालत खुद यह कह चुकी है कि RPSC गूंगी और बहरी हो चुकी है, तो अब राज्य सरकार के पास कोई बहाना नहीं बचता कि वह इस मुद्दे पर निर्णय न ले।

उन्होंने आगे कहा कि RPSC वह जगह है जहां से राज्य के युवाओं का भविष्य तय होता है, लेकिन इसकी चयन प्रक्रिया, जवाबदेही और पारदर्शिता पूरी तरह से समझौते का शिकार हो चुकी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में दबाव में काम कर रही है और एक साल बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

RPSC में सुधार की जरूरत

सचिन पायलट ने यह भी कहा कि RPSC के सदस्यों की नियुक्ति जाति और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर की जाती है, जिससे संस्था की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हस्तक्षेप से न केवल आयोग की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है, बल्कि राज्य के हजारों प्रतियोगी छात्रों के सपनों पर भी संकट खड़ा हो जाता है।

क्या कहा था अदालत ने?

SI भर्ती 2021 के पेपर लीक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि RPSC की परीक्षा में कुछ भी संभव है—चोरी, धांधली और अनियमितताएं। अदालत ने यह भी कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली को सुधारने की सख्त जरूरत है। कोर्ट ने SOG के ADG वीके सिंह से भी सवाल किया कि जब पेपर लीक मामले में RPSC के दो सदस्य शामिल थे, तब भी RPSC ने FIR दर्ज क्यों नहीं कराई?

पेपर लीक मामलों ने बढ़ाई चिंता

राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें REET, SI भर्ती परीक्षा, पटवारी परीक्षा और RAS परीक्षा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इससे न केवल परीक्षार्थियों में आक्रोश फैला है, बल्कि राज्य की परीक्षा प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठे हैं। हाईकोर्ट ने बार-बार इस पर चिंता जाहिर की है, लेकिन अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।

सरकार पर बढ़ा दबाव

सचिन पायलट के इस बयान के बाद अब राज्य सरकार पर RPSC में सुधार को लेकर दबाव बढ़ सकता है। पायलट के बयान से स्पष्ट है कि अगर सरकार जल्द से जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बहस और तेज होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को अब इस पर कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

राजस्थान की राजनीति में RPSC से जुड़ा यह विवाद आने वाले समय में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर जब राज्य में नौकरियों और भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

 

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