डॉ. रामकृपाल मीणा के तबादले पर विरोध

Edited By Liza Chandel, Updated: 20 Jan, 2025 04:01 PM

protest against transfer of dr ramkripal meena

राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी तबादला सूची में हजारों अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण हुए, जिसमें गीजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चार डॉक्टरों का भी तबादला किया गया। इनमें से दो डॉक्टरों का तबादला पहले हुआ और शेष दो का बाद में।...

गीजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तबादले पर विवाद

डॉ. रामकृपाल मीणा के तबादले पर विरोध

दौसा जिले के गीजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां तीन डॉक्टरों के तबादले होने पर कोई विरोध नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही प्रभारी डॉ. रामकृपाल मीणा का तबादला हुआ, कुछ लोगों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया।

डॉक्टरों की अनुपस्थिति और मरीजों की परेशानी

गौरतलब है कि चार डॉक्टरों के तबादले के बावजूद अभी तक कोई भी डॉक्टर रिलीव नहीं किया गया है, जिसके चलते डॉक्टरों ने आज ड्यूटी नहीं की, और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सवाल यह उठता है कि जब किसी भी डॉक्टर को रिलीव नहीं किया गया, तो यह विरोध प्रदर्शन क्यों किया गया?

तबादला सूची और विरोध की वजह

राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी तबादला सूची में हजारों अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण हुए, जिसमें गीजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चार डॉक्टरों का भी तबादला किया गया। इनमें से दो डॉक्टरों का तबादला पहले हुआ और शेष दो का बाद में। हैरानी की बात यह है कि जब तक डॉक्टरों के पक्ष में कोई प्रदर्शन नहीं हुआ था, तब तक सभी डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे थे। लेकिन जैसे ही प्रभारी डॉ. रामकृपाल मीणा का नाम सूची में आया, कुछ लोग प्रदर्शन करने लगे।

पिछला विवाद और अनियमितताएं

सूत्रों के अनुसार, इससे पहले भी जब डॉ. रामकृपाल मीणा का तबादला हुआ था, तब भी कुछ लोगों ने विरोध किया था। जबकि स्थानांतरण एक नियमित सरकारी प्रक्रिया है। इसके अलावा, उनके कार्यकाल के दौरान जननी शिशु सुरक्षा योजना में अनियमितताओं का मामला भी सामने आया था, जिसके बाद योजना के प्रभारी को हटाकर उनकी जगह डॉ. मीणा को यह जिम्मेदारी दी गई थी।

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    प्रदर्शन के पीछे की संभावित वजहें

    अब जब तबादला सूची में उनका नाम आया है, तो कुछ लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों के पक्ष में प्रदर्शन करते दिखे। यह प्रदर्शन सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि क्या आमजन वास्तव में इन डॉक्टरों को रोकना चाहता है, या फिर इसके पीछे कोई और कारण है? क्योंकि जिन डॉक्टरों का तबादला हो चुका है, वे अब भी केंद्र पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन ड्यूटी पर नजर नहीं आए, जिससे मरीजों को भारी परेशानी हुई।

    प्रशासन की प्रतिक्रिया

    इस संबंध में दौसा सीएमएचओ डॉ. सीताराम मीणा ने बताया कि जिन डॉक्टरों के तबादले हुए हैं, उन्हें सोमवार को रिलीव कर दिया जाएगा। साथ ही, यह शिकायत भी मिली है कि तबादला होने के बावजूद डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे, जिसके चलते उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

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