Edited By Afjal Khan, Updated: 26 Sep, 2023 01:04 PM
पिछले 76 साल के दौरान राजस्थान विश्विद्यालय में अब तक 43 कुलपति सेवाएं दे चुके हैं. खास बात यह है कि पहली बार इस यूनिवर्सिटी को महिला कुलपति मिली हैं
राजस्थान के दो विश्विद्यालय में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति हो गई. लंबे समय से खाली होने के चलते इन पदों का जिम्मा अतिरिक्त प्रभार के तौर पर सौंपा गया था. पिछले 76 साल के दौरान राजस्थान विश्विद्यालय में अब तक 43 कुलपति सेवाएं दे चुके हैं. खास बात यह है कि पहली बार इस यूनिवर्सिटी को महिला कुलपति मिली हैं. राय ने कहा कि इस विश्विद्यालय की जिम्मेदारी मिलना अहम है. फिलहाल महात्मा गांधी विश्विद्यालय वर्धा में प्रोफेसर के पद पर आसीन प्रोफेसर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्विद्यालय के प्रति कुलपति भी रह चुके हैं. प्रोफेसर राय को मीडिया गुरु भी कहा जाता है.
महिला कुलपति क्यों है जरूरी? दिया ये जवाब
यह जिम्मेदारी मिलने पर प्रो. कटेजा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. एक महिला के तौर पर यह जिम्मेदारी मिलना बेहद खास इसलिए भी है क्योंकि एक कुलपति अगर महिला हो तो वह विद्यार्थियों के साथ ज्यादा लगाव से कार्य कर सकती हैं और अच्छे बदलाव ला सकती हैं.
आरयू की नवनियुक्त वीसी ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से काफी काम हुए हैं. यूनिवर्सिटी में सीसीटीवी लगाए गए हैं. लेकिन यह किस स्थिति में है. साथ ही यह भी कि उनकी रिकॉर्डिंग प्रॉपर हो रही है या नहीं. इसके अलावा छात्राओं से बात करके उनकी समस्याओं का समाधान निकालने को प्राथमिकता बताया.
छात्र संघ चुनाव नहीं होने पर कही ये बात
जब छात्र संघ चुनावो को लेकर उनसे सवाल किया गया तो जवाब दिया कि लोकतंत्र में चुनाव होना महत्वपूर्ण है और विश्विध्यालय इसकी पहली कड़ी होते हैं. इस बार चुनाव ना कराने के पीछे कुछ ना कुछ कारण जरूर रहे होंगे, जिसके चलते सरकार ने यह फैसला लिया. साथ ही वीसी ने बताया कि शिक्षा के स्तर को सुधारना मेरा पहला प्रयास रहेगा. जिसके लिए शिक्षको की कमी को पूरा करने के भी प्रयास किए जाएंगे.