राजस्थान: जोधपुर एयरबेस पर भारत और फ्रांस वायुसेना के बीच होगा युद्धाभ्यास

Edited By Chandan, Updated: 19 Jan, 2021 02:44 PM

india and france air force to conduct exercises at jodhpur airbase

राजस्थान के जोधपुर में भारत और फ्रांस का एक बेहतरीन युद्धाभ्यास होने जा रहा है, जो कि बुधवार यानी कल से शुरू होगा और 24 जनवरी तक चलेगा। ये युद्धाभ्यास रेगिस्तान में होगा जिसके कारण इसका नाम डेजर्ट नाइट दिया गया है...

जयपुर/ ब्यूरो। राजस्थान के जोधपुर में भारत और फ्रांस का एक बेहतरीन युद्धाभ्यास होने जा रहा है, जो कि बुधवार यानी कल से शुरू होगा और 24 जनवरी तक चलेगा। ये युद्धाभ्यास रेगिस्तान में होगा जिसके कारण इसका नाम डेजर्ट नाइट दिया गया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान भारत और फ्रांस के फाइटर्स जेट राफेल के बीच मुकाबला होगा। जो दोनो देशों के बीच नियमित रूप से होने वाले युद्धाभ्यास गरुड़ से अलग है। बताया जा रहा है कि इस समय फ्रांस की एयरफोर्स का एक बड़े स्कॉयरॉस डेप्लायमेंट के रूप में एशिया क्षेत्र में तैनात है और वहां से इसके राफेल फाइटर्स सहित एयर रिफ्यूल टैंकर और परिवहन विमान जोधपुर में होने वाले युद्धाभ्यास में शामिल होने आएंगे।

 

राफेल सहीत अन्य लड़ाकू विमान भी होंगे शामिल
इस युद्धाभ्यास में भारत की तरफ से राफेल सहीत सुखाई और अन्य लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के पायलट अपने अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे। जानकारी के मुकाबिक जोधपुर में युद्धाभ्यास करने का एक बड़ा कारण यहां का मौसम है जो लगभग हमेशा साफ रहता है और यहां से सीमावर्ती इलाके तक बिना किसी रुकावट के लंबी दूरी तक उड़ान भरने की सुविधा भी है। 

 

युद्धाभ्यास गरुड़ में अपनी ताकत दिखा चुका है राफेल 
बता दें कि करीब छह साल पहले जोधपुर में राफेल उड़ाने वाले पायलट्स को यहां का मौसम अच्छा लगा था। ऐसे में साल 2014 में भारत और फ्रांस की वायुसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ में राफेल अपनी ताकत दिखा चुका है। वहीं उस समय राफेल और सुखाई के बीच रोचक मुकाबला हुआ था। इसके बाद अक्टूबर, 2017 में जोधपुर एयरबेस पर लड़ाकू हेलीकॉप्टर एचएलएच मार्क-4 रूद्र की तैनाती की गई थी। यह देश का पहला ऐसा एयरबेस है जहां रूद्र की तैनाती की गई है। 

 

हेलीकॉप्टर एचएलएच मार्क-4 रूद्र की विशेषता
लड़ाकू हेलीकॉप्टर एचएलएच मार्क-4 रूद्र की विशेषता बताते हुए, वायुसेना के अधिकारियों ने कहा इसके फ्यूल टैंक पर गोली लगने के बाद भी यह नहीं फट सकता। इस हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित किया गया है जिसमें 70 एमएम का रॉकेट मिसाइल सिस्टम है और आगे बड़ी गन लगी होने के साथ ही सटीक निशाना साधने के लिए इसके ऊपर ही 20 एमएम का लेंस लगा हुआ है। लेंस की मदद से पायलट एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड अटैक करने में सक्षम होता है। 

 

फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद का है डील
बता दें कि भारत ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये में डील की है। दोनों देश के बीच समझौते के करीब चार साल बाद राफेल विमान की पहली खेप भारत को मिली। जिसमें 5 राफेलशामिल थे। राफेल के वायुसेने में शामिल होने से भारतीय वायुसेना के बेड़े की ताकत में काफी इजाफा होगा। अक्टूबर 2019 में डसॉल्ट एविएशन ने पहले राफेल जेट को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना को सौंपा था, 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी।


 

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