राज्यपाल के रूप में असम की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हूं- गुलाबचंद कटारिया, एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

Edited By Afjal Khan, Updated: 12 Feb, 2023 01:39 PM

i am ready to deal with the challenges of assam as governor  gulabchand kataria

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति ने रविवार सुबह 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और उपराज्यपाल बदलने के आदेश जारी किए। जिसके तहत कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया हैं। इस संबंध में...

जयपुर: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति ने रविवार सुबह 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और उपराज्यपाल बदलने के आदेश जारी किए। जिसके तहत कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया हैं। इस संबंध में नवनियुक्त राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से पंजाब केसरी  टीवी राजस्थान के एडिटर विशाल सूर्यकांत ने खास बातचीत की। इस खास मुलाक़ात में कटारिया ने कहा कि वो असम की परिस्थितियों से वाकिफ हैं और देशहित में जो ठीक होगा, राज्यपाल के रूप में वहीं भूमिका निभाएंगे। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौसा दौरे की तैयारियों में जुटे थे। प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरे वाली सुबह हुई यह घोषणा स्वयं उनके लिए भी चौंकाने वाली थी। 

सवाल: राजस्थान में मेवाड़-वागड़ की गलियों में अपनी पुरानी मोटरसाइकिल पर घुमने वाले गुलाबचंद कटारिया, असम जैसे राज्य के राज्यपाल नियुक्त हुए हैं, क्या भाव हैं मन में ? 

जवाब: देखिए, मेरा जीवन एक संघ और पार्टी कार्यकर्ता का रहा है। उन दिनों से लेकर आज तक कई अहम पड़ाव आए हैं। पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी तय की है वो मैं निभाता रहा हूं और आगे भी निभाता रहूंगा।  

सवाल: असम एक ऐसा राज्य हैं, जहां एक ओर अंतर्राष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश से सीमा लगती हैं तो दूसरी ओर पडोसी राज्य मेघालय और असम के बीच 50 सालों पुराना सीमा विवाद है। हिंसक झड़पें भी हो चुकी हैं। एक राज्यपाल के रूप में इन मामलों को कैसे देखेंगे? 

जवाब: देखिए, ऐसी चुनौतियों को संभालने के लिए अनुभव काम आता है। जैसे मैनें राजस्थान में चुनौतियां आने पर संभाला है। उसी रूप में असम में भी राज्यपाल के रूप में अपनी भूमिका के तहत जो कुछ भी होगा, उसे निभाता रहूंगा।  

सवाल: सीएए-एनआरसी को लेकर आपकी पार्टी का स्पष्ट रूख है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में इसके लेकर राय बंटी है। ऐसे में अगर इस पर आगे बात बढ़ती है तो आपके स्टैंड पर सभी की नजरें रहेंगी, कैसे देखते हैं इस विषय को ? 

जवाब: मेरा हमेशा से मत रहा है कि देश मेरे लिए सर्वोपरि है। देशहित में तब की परिस्थितियों में जो कुछ भी ठीक होगा वहीं करूंगा। हमारी हमेशा से विचारधारा रही है कि देश पहले, उसके बाद राज्य और पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारियां। मैं असम में राज्यपाल के रूप में हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हूं। 

सवाल: आपको कैसे जानकारी मिली कि आप असम के राज्यपाल बना दिए गए हैं?  

जवाब: मुझे दो-तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का फोन आया था। उन्होंने मुझसे मेरे स्वास्थ्य और गतिविधियों की जानकारी ली। मुझे लगा कि वो सहज रूप से पूछ रहे हैं क्योंकि वे स्वयं रविवार को राजस्थान आ रहे हैं। आज उनके राजस्थान आने के दिन ही मेरे नाम की घोषणा होना, स्वयं मेरे लिए चौंकाने वाली बात है। मैं तो दौसा में उनके स्वागत कार्यक्रम में शामिल होने की तैयारी कर रहा था।  

सवाल: आप राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, वो जगह खाली हुई, आपकी विरासत कौन संभालेगा ?

जवाब: हमारी पार्टी बहुत बड़ी है। मेरे साथ और मेरे बाद भी कई योग्य लोग यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार खड़े हैं। पार्टी की लीड़रशिप जिसे भी जिम्मेदारी देगी, मेरा विश्वास है कि सभी लोग, इस चुनावी साल में उनके साथ खड़े होंगे। 

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